लखनऊ, 2 दिसंबर । आपदाओं से निपटने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार ने तीन नये राज्य आपदा मोचन बल (एसडीआरएफ) का गठन किया है। बाढ़, सूखा, भूकंप, आकाशीय बिजली जैसी अपादाओं के साथ 11 अन्य अपदाओं को भी राज्य आपदा घोषित किया गया है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर प्रदेश में तीन नई राज्य आपदा मोचन बल (एसडीआरएफ) गठित की गयीं हैं। इसके अलावा प्रदेश की 11 आपदाओं को भी राज्य आपदा में शामिल किया गया। राज्य आपदा की सूची में सामान्य समझी जाने वाली जिन घटनाओं को शामिल किया गया है, उनमें नाव दुर्घटना, सर्पदंश, सीवर सफाई, गैस रिसाव, बोरवेल में गिरना, मानव वन्य जीव द्वन्द, नदी में डूबना, सांढ और नीलगाय आघात समेत 11 आपदाएं शामिल हैं। अब इन्हें जन जन तक पहुंचाने के लिए और आम जनमानस को जागरुक करने के लिए ग्राम स्तर पर राहत चौपाल का आयोजन हो रहा है।
मौसम संबंधी पूर्व चेतावनी तंत्र हो रहा सुदृढ़ मौसम संबंधी पूर्व चेतावनी तंत्र को सुदृढ़ करने के लिए प्रदेश की सभी तहसीलों में 450 आटोमेटिक वेदर स्टेशन (एडब्ल्यूएस), ब्लॉक स्तर पर 02 हजार आटोमेटिक रेनगेज (एआरजी) और प्रदेश के 05 प्रमुख शहरों में 05 डॉप्लर रडार की स्थापना की जा रही है। इससे बचाव के लिए आम जनमानस को जागरूक करने के उद्देश्य से ग्राम स्तर पर सात हजार राहत चौपालों का आयोजन किया जा चुका है। जनपद स्तर के अधिकारियों द्वारा ग्रामीणों को आपदाओं से बचाव व तैयारी, आपदा के दौरान क्या करें व क्या न करें आदि के संबंध में भी जागरूक किया जा रहा है।
राहत आयुक्त जीएस नवीन के ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लोगों को बाढ़, फ्लैश फ्लड, वेक्टर जनित बीमारियों, औद्योगिक दुर्घटनाओं, भूकंप, नाभिकीय खतरा समेत किसी भी प्रकार की आपदा से निपटने के लिए आपदा प्रबंधन तंत्र को और मजबूत करने के निर्देश दिये थे। इस वजह से प्रदेश में तीन नई राज्य आपदा मोचन बल का गठन किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि नई कंपनी के लिए 80.75 करोड़ से इक्विपमेंट एवं 9.99 करोड़ से वाहन खरीदे जा रहे हैं। जल्दी ही ये धरातल पर होंगे।
पाठ्यक्रम में शामिल हुआ आपदा प्रबंधन सरकार ने स्कूलों के पाठ्यक्रमों एवं उत्तर प्रदेश के शिक्षा परिषदों में आपदा प्रबंधन के विषयों को शामिल किया गया। इसमें प्रशासनिक प्रशिक्षण संस्थान, पुलिस अकादमी, राज्य ग्राम्य विकास संस्थान, सचिवालय प्रशिक्षण संस्थान, राज्य स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण संस्थान सहित अन्य संस्थानाें में आपदा प्रबंधन विषय शामिल है। प्रदेश में नौका दुर्घटनाएं रोकने के लिए नाव सुरक्षा एवं नाविक कल्याण नीति-2020 बनाई गयी है। इसके जरिये प्रथम फेज में 872 गोताखोर एवं 5123 नाविकों को नाव सुरक्षा किट का वितरण किया गया।
वहीं आपदा के दौरान राहत वितरण प्रणाली को समयबद्ध व पारदर्शी बनाने के लिए इंड टू इंड कंप्यूटराइजेशन ऑफ बेनिफिशरी मैनेजमेंट सिस्टम का शुभारंभ किया गया। इससे लाभार्थी के चयन से लेकर डिजिटल अप्रूवल तथा अकाउंट में धनराशि हस्तातंरित करने तक की पूरी प्रक्रिया पेपरलेस हो गई है, जिससे राहत वितरण में पारदर्शिता के साथ-साथ समयबद्धता भी सुनिश्चित हुई है। इसके अलावा प्रदेश में डूबने की घटनाओं को रोकने के लिए वाराणसी, प्रयागराज एवं गोरखपुर में मुख्यमंत्री बाल तरणवीर कार्यक्रम संचालित किए जा रहे हैं।