कोलकाता, 19 जनवरी। तृणमूल कांग्रेस ने 22 जनवरी को पश्चिम बंगाल में अपने जिला स्तरीय नेतृत्व को राज्य में होने वाली सद्भावना रैलियों में धार्मिक नेताओं की भागीदारी सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है।
तृणमूल कांग्रेस की ‘सद्भावना रैली’ की तारीख उत्तर प्रदेश के अयोध्या में राम मंदिर के उद्घाटन के साथ मेल खाती है।
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के नेतृत्व में मुख्य ‘सद्भाव रैली’ कोलकाता में होगी, वहीं, उस दिन राज्य के सभी जिलों में भी ऐसी ही रैलियां होंगी।
तृणमूल कांग्रेस के जिला अध्यक्ष सुब्रत बख्शी ने जिला स्तर के नेताओं से कहा है कि वे धार्मिक नेताओं की भागीदारी सुनिश्चित करें और उन्हें सभी रैलियों में पहली पंक्ति में रखें। धार्मिक नेताओं से भी रैलियां समाप्त होने पर अपना संदेश देने के लिए कहा जाएगा।
पार्टी के जिला अध्यक्षों और चेयरमैन को इस संबंध में लिखित निर्देश भेजे गए हैं और उन्हें इसे ब्लॉक स्तर के पार्टी नेताओं को बताने के लिए कहा गया है।
मंगलवार को मुख्यमंत्री ने घोषणा की थी कि प्रस्तावित रैलियां सभी धर्मों के धार्मिक स्थलों से होकर गुजरेंगी।
ममता बनर्जी ने कहा था, ”यह ‘सद्भाव रैली’ सभी धर्मों के धार्मिक स्थलों से होकर गुजरेगी। मैंने हमेशा कहा है कि धर्म व्यक्तिगत है, त्योहार सभी के लिए हैं। हम सभी धर्मों के बारे में बात करते हैं।”
उन्होंने कहा कि इस रैली को राम मंदिर उद्घाटन के विरोध के रूप में समझना गलत होगा क्योंकि यह उसी दिन आयोजित की जा रही है।
“सद्भावना रैली किसी अन्य आयोजन का प्रतिकार नहीं है। साधु-संतों के प्रति मेरे मन में बहुत सम्मान है। मैं हमेशा उनकी बात सुनती हूं।”
मुख्यमंत्री ने कहा, ”हम सभी धर्मों की एकता का संदेश फैलाने के लिए रैली का आयोजन कर रहे हैं, क्योंकि अगले दिन नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जयंती है।”
Leave feedback about this