रांची, 14 फरवरी । झारखंड में बंजर भूमि को हरा-भरा करने के लिए कांटा रहित कैक्टस की खेती की पहल हो रही है। ग्रामीण विकास विभाग की ओर से प्रायोगिक तौर पर खूंटी जिले में 157 हेक्टेयर भूमि पर इसकी शुरुआत की गई है।
केंद्र प्रायोजित इस योजना का मुख्य उद्देश्य बंजर भूमि का सतत विकास करना है। साथ ही वाटरशेड विकास, पारिस्थितिक संतुलन में सुधार, प्राकृतिक संसाधनों का संरक्षण और लोगों की आजीविका को बढ़ाना है।
ग्रामीण विकास विभाग के संयुक्त सचिव अवध नारायण प्रसाद ने मंगलवार को रांची में आयोजित एक कार्यशाला में यह जानकारी दी।
कार्यशाला में बताया गया कि कांटा रहित कैक्टस की खेती से बंजर भूमि को जहां नया जीवन मिलेगा, वहीं कैक्टस से कई तरह के उत्पाद बनेंगे, जो किसानों की आय में इजाफा करेंगे।
बताया गया कि कैक्टस से जैव उर्वरक, पशु चारा, खाद्य पदार्थ, जैव ईंधन, कृत्रिम चमड़ा आदि का निर्माण होगा। साथ ही कैक्टस के कारण भूमि का जल संचय विकसित होगा। पर्यावरण को लाभ पहुंचेगा।
राज्य में लगभग 68 प्रतिशत भूमि बंजर है। विशेषज्ञ बीके झा और नेहा तिवारी ने बताया कि कैक्टस 25 साल तक फलता-फूलता रहता है। इसकी खेती में पानी की काफी कम जरूरत पड़ती है।
Leave feedback about this