हिमाचल प्रदेश पर्यटन विकास निगम (एचपीटीडीसी) का मुख्यालय शिमला से धर्मशाला स्थानांतरित करने के राज्य सरकार के फैसले के खिलाफ हिमाचल प्रदेश के पर्यटन क्षेत्र के सैकड़ों हितधारकों ने भारी बारिश के बावजूद सोमवार को विधानसभा के बाहर विरोध प्रदर्शन किया।
होटल और रेस्तरां मालिकों, होमस्टे संचालकों, टूर एंड ट्रैवल एसोसिएशनों और टैक्सी यूनियनों ने विरोध प्रदर्शन में भाग लिया और इस फैसले को “पर्यटन विरोधी, जनविरोधी और कर्मचारी विरोधी” बताया। उन्होंने फैसले को वापस लेने की मांग करते हुए नारे लगाए।
गाइड एंड ट्रैवल एसोसिएशन के अध्यक्ष हरीश व्यास ने कहा कि इस कदम से शिमला और राज्य की व्यापक पर्यटन अर्थव्यवस्था को झटका लगेगा। उन्होंने कहा, “शिमला 200 से ज़्यादा सालों से एक वैश्विक पर्यटन केंद्र रहा है और राज्य के राजस्व में बड़ा योगदान देता रहा है। एचपीटीडीसी कार्यालय को स्थानांतरित करने से लाखों लोगों की आजीविका खतरे में पड़ जाएगी।”
व्यास ने आगे तर्क दिया कि यह स्थानांतरण अव्यावहारिक है, क्योंकि एचपीटीडीसी का निदेशक मंडल, जिसमें मुख्य सचिव, पर्यटन सचिव, वित्त सचिव और अक्सर अध्यक्ष के रूप में मुख्यमंत्री शामिल होते हैं, शिमला से ही काम करता है। उन्होंने चेतावनी दी कि मुख्यालय को सैकड़ों किलोमीटर दूर ले जाने से प्रशासनिक बाधाएँ बढ़ेंगी और राज्य पर वित्तीय बोझ बढ़ेगा।
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