मनाली, 15 जून हिमाचल प्रदेश के मनाली के साथ बड़ाग्रां में अब बाहर से आने वाले सैलानियों को एक छत के नीचे ही पूरी पहाड़ी संस्कृति के दर्शन होंगे। यहां आने वाले सैलानियों को पहाड़ी खान-पान सहित अन्य स्थानीय व्यंजन भी मिलेंगे।
इसके अलावा 3डी सिस्टम के माध्यम से सैलानियों को यहां पर हिमाचल के विभिन्न जिलों की सुंदर वादियों के दर्शन भी होंगे। जिला पर्यटन विकास अधिकारी सुनैना शर्मा ने देवलोक कल्चरल पार्क परिसर का निरीक्षण किया और यहां की तमाम व्यवस्थाओं का जायजा लिया।
हिमाचल प्रदेश सरकार ने साल 2022 में बड़ाग्रां में देवलोक कल्चर थीम पार्क का उद्घाटन किया था ताकि यहां आने वाले सैलानियों को पहाड़ की संस्कृति और पहाड़ी खान-पान का आनंद मिल सके। प्रदेश सरकार ने निजी कंपनी के साथ एक एमओयू साइन किया है और अब उस कंपनी के माध्यम से इसका संचालन भी किया जा रहा है। सैलानियों के लिए यहां रहने की व्यवस्था की गई है। आने वाले दिनों में हस्तकला और हथकरघा से संबंधित वर्कशॉप का भी आयोजन किया जाएगा।
जिला पर्यटन विकास अधिकारी सुनैना शर्मा ने वर्कशॉप से पहले निरीक्षण किया और कंपनी के अधिकारियों के साथ वार्ता की। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि सैलानियों की सुविधा को देखते हुए तमाम व्यवस्थाओं को जल्द से जल्द दुरुस्त करें ताकि कुल्लू मनाली आने वाले सैलानी एक छत के नीचे ही हिमाचल प्रदेश की पूरी संस्कृति के दर्शन कर सके।
उन्होंने कहा कि कि प्रदेश सरकार द्वारा पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए इस पार्क का शुभारंभ किया गया था और अब सैलानियों के लिए यह पार्क आकर्षण का केंद्र बन रहा है। ऐसे में आने वाले दिनों में स्कूली बच्चों के लिए भी यहां पर स्थानीय खानपान और संस्कृति को लेकर वर्कशॉप का आयोजन किया जाएगा। इसके अलावा सैलानियों को भी यहां पर बेहतर सुविधा उपलब्ध करवाई जा रही है।
देवलोक कल्चरल पार्क का संचालन कर रहे अधिकारी शिवम चौहान ने कहा कि इस पार्क में काफी संख्या में सैलानी आ रहे हैं और एक छत के नीचे ही हिमाचली संस्कृति के उन्हें दर्शन हो रहे हैं। ऐसे में आने वाले दिनों में सैलानियों की सुविधा के लिए अन्य सुविधाओं को भी बढ़ाया जाएगा।
देवलोक कल्चरल पार्क घूमने आए सैलानी ने कहा कि यहां पर उन्हें एक ही छत के नीचे सभी चीजों का आनंद मिल रहा है। 3डी सिस्टम के जरिए उन्होंने हिमाचल प्रदेश की वादियों का नजारा लिया। इसी पार्क में हथकरघा और हस्तशिल्प से संबंधित वस्तुएं भी रखी गई हैं। ऐसे में एक पार्क के नीचे ही उन्हें पूरे हिमाचल की संस्कृति के दर्शन हो रहे हैं।
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