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चम्बा में कीट-पतंगों के जैव नियंत्रण पर प्रशिक्षण आयोजित

Training on biological control of insects organized in Chamba

सोलन में डॉ. वाई.एस. परमार बागवानी एवं वानिकी विश्वविद्यालय, नौनी के कीट विज्ञान विभाग ने कृषि विज्ञान केंद्र (के.वी.के.), चंबा के सहयोग से हाल ही में चंबा जिले के भरमौर ब्लॉक के सिउर और देओल (होली) गांवों में “फसल कीटों के पर्यावरण अनुकूल प्रबंधन” पर दो प्रशिक्षण सत्र आयोजित किए। फसल कीटों के जैव नियंत्रण पर अखिल भारतीय समन्वित अनुसंधान परियोजना की जनजातीय उप-योजना के तहत आयोजित शिविरों में दोनों गांवों के 100 से अधिक किसानों ने भाग लिया।

परियोजना के प्रमुख एवं प्रमुख अन्वेषक तथा कीट विज्ञान विभाग के प्रोफेसर डॉ. सुभाष चंद्र वर्मा ने विषय पर विस्तार से प्रकाश डालते हुए सेब और अन्य शीतोष्ण फसलों के कीटों के प्रबंधन के लिए जैव नियंत्रण रणनीति अपनाने की आवश्यकता पर बल दिया।

उन्होंने राज्य के प्राचीन शुष्क समशीतोष्ण क्षेत्र के कृषि पारिस्थितिकी तंत्र में कीटनाशकों और अन्य रसायनों के गैर-विवेकपूर्ण उपयोग के प्रति आगाह किया। इसके अतिरिक्त, किसानों को सेब के विभिन्न कीटों, उनके हानिकारक लक्षणों और पर्यावरण अनुकूल प्रबंधन के बारे में जागरूक किया गया।

उन्होंने वूली एप्पल एफिड और एप्पल रूट बोरर के विरुद्ध एफेलिनस माली, कोक्सीनेलिड, सिरफिड्स और माइक्रोबियल एजेंटों के उपयोग से संबंधित जैव नियंत्रण प्रथाओं के उपयोग के बारे में भी बताया।

केवीके के वैज्ञानिक डॉ. केहर सिंह ठाकुर ने केंद्र की विभिन्न गतिविधियों पर विचार व्यक्त किए तथा फलदार पौधों के साथ-साथ चारा पौधों और घास उगाने की आवश्यकता पर बल दिया।

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