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आदिवासी कल्याण मामला: सीएम सिद्दारमैया ने कहा, ‘गबन की गई पूरी राशि वसूल की जा रही’

Tribal welfare case: CM Siddaramaiah said, 'The entire embezzled amount is being recovered'

बेंगलुरु, 15 अक्टूबर । कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्दारमैया ने मंगलवार को कहा कि आदिवासी कल्याण बोर्ड घोटाले में गबन की गई पूरी राशि वसूल की जा रही है।

सीएम ने मंगलवार को विधानसभा परिसर में मीडिया से बात करते हुए कहा कि आदिवासी कल्याण घोटाला मामला अदालत में है। सरकार आने वाले फैसले के आधार पर आगे की कार्रवाई करेगी। मुख्यमंत्री ने आश्वासन दिया कि वाल्मीकि विकास निगम के लिए इस साल पूरा आवंटित बजट उपलब्ध कराया जाएगा।

उन्होंने बताया कि करीब 89.63 करोड़ रुपये की हेराफेरी हुई है, जिसमें से 5 करोड़ रुपये पहले ही वसूल किए जा चुके हैं। शेष 84.63 करोड़ रुपये में से अब तक 71.54 करोड़ रुपये की वसूली हो चुकी है।

सिद्दारमैया ने कहा कि विशेष जांच दल (एसआईटी) ने शेष 13 करोड़ रुपये की वसूली का आश्वासन दिया है। उन्होंने कहा कि जाति प्रमाण-पत्रों को लेकर भ्रम को दूर करने तथा उचित परिपत्र जारी करने के लिए समाज कल्याण विभाग तथा विधि विभाग के सचिवों को निर्देश दिए गए हैं।

सीएम ने बताया कि अनुसूचित जनजाति समुदायों के साथ एक बैठक आयोजित की गई थी। इस दौरान कुछ व्यक्तियों द्वारा फर्जी जाति प्रमाण पत्र प्राप्त करने से संबंधित मुद्दों के अलावा वाल्मीकि विकास निगम में कुप्रबंधन की ओर ध्यान आकर्षित किया गया।

उन्होंने कहा कि निगम के लिए फंड की कोई कमी नहीं होनी चाहिए। मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि कांग्रेस आगामी उपचुनावों के लिए पूरी तरह तैयार है। सभी तैयारियां कर ली गई हैं और पार्टी प्रभावी ढंग से चुनाव लड़ने के लिए तैयार है।

बेंगलुरु में विधायकों/सांसदों के लिए विशेष अदालत ने सोमवार को आदिवासी कल्याण बोर्ड मामले में पूर्व मंत्री बी. नागेंद्र को सशर्त जमानत दे दी थी। ईडी ने मामले के सिलसिले में पूछताछ के बाद 12 जुलाई को नागेंद्र को गिरफ्तार किया था। अपने खिलाफ लगे आरोपों के बाद अनुसूचित जनजाति कल्याण मंत्री नागेंद्र ने 6 जून को अपने पद से इस्तीफा दे दिया था।

भाजपा ने घोटाले में सिद्दारमैया की भूमिका का आरोप लगाया है। उन्होंने सरकारी निकाय से 89.6 करोड़ रुपये की हेराफेरी के लिए सहमति जताई थी। भाजपा दावा कर रही है कि यह 187 करोड़ रुपये का घोटाला है और चूंकि सिद्दारमैया के पास वित्त विभाग है, इसलिए उनकी संलिप्तता स्पष्ट है।

ईडी ने कर्नाटक महर्षि वाल्मीकि एसटी विकास निगम में कथित घोटाले में कांग्रेस विधायक और अनुसूचित जनजाति मामलों के पूर्व मंत्री बी नागेंद्र को मुख्य आरोपी और मास्टरमाइंड के रूप में नामित किया है।

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