सोलन, 18 जून माल उतारकर वापस आने वाले ट्रक ड्राइवरों द्वारा दिया जाने वाला प्रवेश कर नालागढ़ विधानसभा उपचुनाव में एक विवादास्पद मुद्दा बनकर उभर रहा है। इस निर्वाचन क्षेत्र में ट्रक चालक मतदाताओं का एक बड़ा हिस्सा हैं।
अप्रैल में इस मुद्दे ने तब ध्यान खींचा जब ट्रक चालकों के एक वर्ग ने विभिन्न अंतर-राज्यीय बाधाओं के माध्यम से नालागढ़ औद्योगिक क्षेत्र में प्रवेश करते समय प्रति भारी वाहन 150 रुपये से 700 रुपये तक का प्रवेश कर देने से इनकार कर दिया। कर का भुगतान न करने पर अड़े ट्रक चालकों ने माल उतारने के बाद राज्य में फिर से प्रवेश करने के लिए अस्थायी मुख्य मार्ग भी बना लिए, जबकि वे बाघेरी जैसे अंतर-राज्यीय अवरोधों को आसानी से दरकिनार कर देते थे।
ट्रक चालकों का तर्क है कि उन्हें कई सालों से प्रवेश कर से छूट दी जा रही है, लेकिन राज्य कर एवं आबकारी विभाग के अधिकारियों का कहना है कि वाणिज्यिक वाहनों के लिए ऐसी कोई छूट उपलब्ध नहीं है। इस इलाके में एशिया की सबसे बड़ी परिवहन यूनियन है जिसके बेड़े में 10,000 वाहन हैं। चुनावों में यूनियन की अहम भूमिका होती है और कोई भी पार्टी इसे नाराज नहीं करना चाहती।
नालागढ़ उपचुनाव में भाजपा के टिकट पर लड़ रहे पूर्व निर्दलीय विधायक केएल ठाकुर ने ट्रक चालकों को पूरा समर्थन दिया है। उन्होंने न केवल उनके आंदोलन का समर्थन किया है, बल्कि राज्य सरकार के समक्ष इस मुद्दे को उठाने का वादा भी किया है।
हालांकि सरकार ने अभी तक स्थानीय ट्रक चालकों के लिए किसी छूट की घोषणा नहीं की है, लेकिन भाजपा इस मुद्दे का भरपूर फायदा उठा रही है। कांग्रेस को ट्रक चालकों की नाराजगी का सामना करना पड़ सकता है, जो प्रवेश कर का भुगतान नहीं करना चाहते हैं, भले ही इससे राज्य सरकार को राजस्व का नुकसान हो।
उपचुनाव में ट्रक चालकों का समर्थन निर्णायक साबित हो सकता है। कांग्रेस ने उपचुनाव के लिए हरदीप बावा को अपना उम्मीदवार घोषित किया है। आचार संहिता लागू होने के कारण राज्य सरकार ट्रक चालकों को राहत देने के लिए टोल टैक्स नीति में कोई संशोधन की घोषणा नहीं कर सकती।