शिमला, 18 जून हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय ने आज ग्रामीण विकास और शहरी विकास के सचिवों को राज्य में ग्राम पंचायतों के संबंधित सचिवों और नगर परिषदों तथा संबंधित उपायुक्तों के साथ बैठक आयोजित करने का निर्देश दिया, ताकि राज्य में उत्पन्न हो रहे ठोस अपशिष्ट के प्रबंधन के लिए प्रयासों में समन्वय स्थापित किया जा सके और इसे राष्ट्रीय राजमार्गों के नीचे या जल निकायों में डालने से रोका जा सके।
अदालत ने अधिकारियों को उपद्रवियों के खिलाफ उचित दंडात्मक कार्रवाई करने का निर्देश दिया। साथ ही, आदेश दिया कि संबंधित वन अधिनियम और संबंधित लागू वन कानूनों के पर्यावरण से संबंधित कानूनों को ध्यान में रखते हुए समस्या उत्पन्न होने के बाद उससे निपटने के बजाय रोकथाम पर जोर दिया जाएगा।
अदालत ने दोनों सचिवों को अगली तारीख तक अपने जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया और मामले को आगे की सुनवाई के लिए 12 अगस्त को सूचीबद्ध किया। अदालत ने यह आदेश इस संबंध में दायर एक जनहित याचिका पर पारित किया।