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वीसी नियुक्ति खोज पैनल पर राज्यपाल की सिफारिशों को लेकर राजभवन-बंगाल सचिवालय में खींचतान

Tug of war between Raj Bhavan and Bengal Secretariat over Governor's recommendations on VC appointment search panel

कोलकाता, 29 सितंबर । पश्चिम बंगाल में राजभवन और राज्य सचिवालय के बीच एक ताजा झगड़ा सामने आया है जो एक बार फिर से राज्य विश्वविद्यालयों में कुलपतियों (वीसी) की नियुक्ति से संबंधित मुद्दे पर है।

राज्य के विश्वविद्यालयों में कुलपतियों की नियुक्ति के लिए बनी खोज समिति के सदस्य के नाम पर राज्यपाल सी.वी. आनंद बोस की सिफारिशों ने राज्य शिक्षा विभाग, विशेषकर राज्य के शिक्षा मंत्री ब्रत्य बसु को परेशान कर दिया है।

उन्होंने विशेष रूप से इस बात पर आपत्ति जताई है कि राज्यपाल ने राज्य विश्वविद्यालयों के कुलाधिपति होने के नाते जिन पांच नामों की सिफारिश की है, उनमें से केवल एक पश्चिम बंगाल स्थित संस्थान से है।

बसु ने कहा, “आईआईटी-खड़गपुर के निदेशक वीरेंद्र कुमार तिवारी को छोड़कर अन्य चार नाम पश्चिम बंगाल के बाहर के संस्थानों के शिक्षाविदों के हैं। क्या यह अजीब नहीं है कि राज्यपाल को खोज समिति के सदस्यों के रूप में पश्चिम बंगाल के प्रतिष्ठित शैक्षणिक संस्थानों के शिक्षाविदों के पर्याप्त उपयुक्त नाम नहीं मिले।”

उन्होंने यह भी तर्क दिया कि राज्य शिक्षा विभाग द्वारा सुझाए गए नामों में पश्चिम बंगाल में भारतीय सांख्यिकी संस्थान (आईएसआई) जैसे राज्य और केंद्रीय दोनों संस्थानों के नाम थे।

राज्य के शिक्षा मंत्री ने टिप्पणी की, “इससे साबित होता है कि राज्य सरकार ने राज्य और केंद्रीय विश्वविद्यालयों के बीच कोई पूर्वाग्रह नहीं रखा। ऐसा लगता है कि राज्यपाल को खोज समिति के सदस्यों के रूप में कुछ कठपुतलियों की आवश्यकता है, जो उनकी इच्छा के अनुसार काम करे।”

हालांकि, इस मामले में अभी तक राजभवन की ओर से कोई जवाबी प्रतिक्रिया नहीं आई है।

पर्यवेक्षकों का मानना है कि सर्च कमेटी का यह मुद्दा राज्य के विश्वविद्यालयों को लेकर राजभवन और राज्य सचिव के बीच एक और विवाद का बिंदु खोलता है। राज्य के विभिन्न विश्वविद्यालयों के लिए राज्य शिक्षा विभाग की सहमति और चर्चा के बिना अंतरिम कुलपतियों की नियुक्ति के राज्यपाल के फैसले पर संवैधानिक निकायों के बीच तनाव पहले से ही अपने चरम पर है।

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