नाहन, 24 अगस्त जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (डीडीएमए) द्वारा आयोजित दो दिवसीय प्रशिक्षण कार्यशाला आज नाहन स्थित उपायुक्त कार्यालय में संपन्न हुई।
राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एनडीएमए), नई दिल्ली के दिशा-निर्देशों के तहत तथा केंद्रीय भवन अनुसंधान संस्थान (सीबीआरआई), रुड़की द्वारा संचालित कार्यशाला में जिले के भूकंप और भूस्खलन संभावित क्षेत्रों में भवनों के जोखिम मूल्यांकन पर ध्यान केंद्रित किया गया।
अतिरिक्त जिला मजिस्ट्रेट (एडीएम) एलआर वर्मा ने प्रभावी आपदा जोखिम प्रबंधन के लिए ऐसे प्रशिक्षण कार्यक्रमों के महत्व पर जोर दिया। कार्यशाला में ग्रामीण विकास एजेंसी, पंचायती राज, हिमाचल प्रदेश लोक निर्माण (पीडब्ल्यूडी) और हिमुडा सहित विभिन्न विभागों के लगभग 40 तकनीकी कर्मचारियों ने भाग लिया।
एडीएम वर्मा ने बताया कि कार्यशाला के दूसरे दिन प्रतिभागियों ने नाहन में कई निजी और सरकारी इमारतों का व्यावहारिक जोखिम आकलन किया। इसके बाद निष्कर्ष और एक व्यापक रिपोर्ट आगे के विश्लेषण के लिए केंद्रीय भवन अनुसंधान संस्थान (सीबीआरआई), रुड़की को सौंपी गई।
अपने संबोधन में एडीएम ने जिले के निवासियों से आग्रह किया कि वे किसी भी इमारत के निर्माण से पहले राष्ट्रीय भवन संहिता-2016 की समीक्षा करें, ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि संरचनाएँ संभावित प्राकृतिक आपदाओं का सामना करने के लिए डिज़ाइन की गई हैं। उन्होंने कार्यशाला में सक्रिय भागीदारी के लिए तकनीकी कर्मचारियों को भी बधाई दी और उन्हें जूनियर इंजीनियरों और अन्य तकनीकी कर्मियों के साथ अपने ज्ञान को साझा करने के लिए प्रोत्साहित किया।
सीबीआरआई के वरिष्ठ वैज्ञानिक एमएम दलबेहरा ने अधिकारियों का आभार व्यक्त किया और सभी प्रतिभागियों को शुभकामनाएं दीं। उन्होंने आश्वासन दिया कि सीबीआरआई चिन्हित स्थलों पर जोखिम मूल्यांकन उपायों को तुरंत लागू करने में जिले को सहयोग देना जारी रखेगा।
कार्यक्रम का समापन एडीएम वर्मा द्वारा सभी प्रतिभागियों को प्रमाण पत्र प्रदान करने के साथ हुआ। कार्यशाला में सीबीआरआई के वैज्ञानिक आशीष कपूर, वित्त योजना अधिकारी प्रताप पाराशर, डीडीएमए से राजन कुमार शर्मा और अन्य लोग भी मौजूद थे।