पालमपुर, 2 जुलाई कांगड़ा घाटी में मानसून के दौरान 15 जुलाई से 15 सितंबर तक बीड़-बिलिंग में पैराग्लाइडिंग गतिविधियों पर पूर्ण प्रतिबंध रहेगा।
आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि मानसून के दौरान खराब मौसम के कारण पैराग्लाइडिंग दुर्घटनाओं से बचने के लिए प्रतिबंध लगाया गया है। बीर-बिलिंग राज्य का एक प्रसिद्ध पर्यटन स्थल है और दुनिया के शीर्ष पैराग्लाइडिंग स्थलों में से एक है। यह प्रतिबंध टैंडेम के साथ-साथ एकल पैराग्लाइडिंग उड़ानों पर भी लागू होगा। प्रशासन ने सभी पैराग्लाइडिंग एसोसिएशन और व्यक्तियों को 15 जुलाई को बीर-बिलिंग से अपने पायलटों को वापस बुलाने का निर्देश दिया है। पैराग्लाइडिंग पर प्रतिबंध हर मानसून में एक वार्षिक अभ्यास है।
बीर-बिलिंग पैराग्लाइडिंग एसोसिएशन के अध्यक्ष अनुराग शर्मा ने द ट्रिब्यून को बताया, “घाटी में पर्यटन और पैराग्लाइडिंग से प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से 5,000 से ज़्यादा लोग जुड़े हुए हैं। 250 से ज़्यादा स्थानीय पायलट इस एडवेंचर स्पोर्ट में लगे हुए हैं। इस दौरान बीर-बिलिंग में करीब 100 टैक्सियाँ भी बंद रहेंगी।”
एशिया में पैराग्लाइडिंग के लिए मशहूर बीर-बिलिंग शहर की भागदौड़ भरी जिंदगी और दूसरे पर्यटन स्थलों से दूर इको-टूरिज्म, ध्यान और आध्यात्मिक अध्ययन के लिए एक मशहूर केंद्र है। बीर-बिलिंग हिमालय की धौलाधार पर्वतमाला की तलहटी में है। 8,000 फीट की ऊंचाई पर बिलिंग, टेक-ऑफ पॉइंट, बीर से 14 किलोमीटर उत्तर में घास के मैदानों में बसा है। लैंडिंग साइट समुद्र तल से 4,500 फीट ऊपर है।