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प्राण प्रतिष्ठा समारोह रोकने को दो जनहित याचिकाएं दायर, हाईकोर्ट का तत्काल सुनवाई से इनकार

Two PILs filed to stop Pran Pratistha ceremony, High Court refuses immediate hearing

प्रयागराज, 18 जनवरी । अयोध्या में राम लला मंदिर के 22 जनवरी को निर्धारित प्राण प्रतिष्ठा समारोह को लेकर इलाहाबाद उच्च न्यायालय में दो जनहित याचिकाएं दायर की गई हैं। न्‍यायालय ने याचिकाओं की तत्‍काल सुनवाई से इनकार कर दिया है।

गाजियाबाद के भोला सिंह द्वारा दायर पहली जनहित याचिका में, याचिकाकर्ता ने उच्च न्यायालय से समारोह में प्रधानमंत्री के साथ-साथ उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री की भागीदारी को प्रतिबंधित करने का आग्रह किया है।

याचिकाकर्ता ने 2024 के संसदीय चुनावों के पूरा होने तक और सनातन धर्म गुरु सभी शंकराचार्यों की सहमति मिलने तक इस पर प्रतिबंध की मांग की है।

याचिकाकर्ता ने 22 जनवरी के आयोजन पर प्रतिबंध लगाने की मांग करते हुए तर्क दिया कि मंदिर अभी भी निर्माणाधीन है और देवता की प्राण प्रतिष्ठा सनातन परंपरा के विपरीत है।

याचिकाकर्ता का यह भी कहना है कि हिंदू कैलेंडर के मुताबिक पौष माह में कोई भी धार्मिक और मांगलिक कार्यक्रम आयोजित नहीं किए जाने चाहिए।

ऑल इंडिया लॉयर्स यूनियन (एआईएलयू) द्वारा दायर दूसरी जनहित याचिका में, याचिकाकर्ता ने 21 दिसंबर, 2023 को यूपी के मुख्य सचिव द्वारा जारी एक परिपत्र को चुनौती दी है। परिपत्र में जिला अधिकारियों को राम कथा, रामायण पाठ और भजन-कीर्तन आयोजित करने का निर्देश दिया गया है। 14 से 22 जनवरी तक राम, हनुमान और वाल्मिकी मंदिर में कलश यात्रा न‍िकालने के लिए कहा गया है, जो संविधान के मूल सिद्धांतों के विपरीत है।

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