ब्रिटेन में रहने वाले एक अनिवासी भारतीय तेजिंदर सिंह ने स्थानीय निवासी विश्वजीत शर्मा, जो एक पूर्व पुलिसकर्मी का बेटा है, तथा उसके परिवार पर कार स्क्रैप कंपनी में निवेश के नाम पर कथित तौर पर एक करोड़ रुपये की धोखाधड़ी करने का आरोप लगाया है।
पुलिस कमिश्नर गुरप्रीत सिंह भुल्लर को एक शिकायत सौंपी गई है, जिन्होंने इस मामले की जाँच आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) को सौंप दी है। ईओडब्ल्यू ने दोनों पक्षों को जाँच में शामिल होने के लिए तलब किया है।
तेजिंदर सिंह ने पुलिस को दी अपनी शिकायत में आरोप लगाया है कि वह ब्रिटेन में रहने वाले एक अन्य एनआरआई परमिंदर सिंह और उसके पिता सुरजीत गिल के ज़रिए आरोपियों के संपर्क में आया था। आरोपियों ने उन्हें सोनीपत में स्क्रैप फ़ैक्टरी लगाने का झांसा दिया। बाद में उसने उन्हें वहाँ 27 करोड़ रुपये की ज़मीन खरीदने की बात कही।
एनआरआई के कानूनी सलाहकार नवीन महाजन ने बताया कि इसके बाद उन्होंने परमिंदर सिंह और तेजिंदर सिंह से संपर्क किया और उन्हें इस उद्यम में निवेश करने का लालच दिया। परमिंदर सिंह ने अपनी सारी कमाई लगभग 13.5 करोड़ रुपये निवेश कर दी, जबकि तेजिंदर ने 1 करोड़ रुपये निवेश किए थे।
तेजिंदर ने प्रस्तावित फर्म के बैंक खाते में रकम ट्रांसफर कर दी। लेकिन जब उन्हें पता चला कि यह रकम विश्वजीत और उनके परिवार के सदस्यों के निजी बैंक खातों में जमा हो गई है, तो वे हैरान रह गए। बाद में उन्हें पता चला कि जिस ज़मीन पर यह प्रोजेक्ट लगाया जाना था, वह असल में आरोपियों के नाम पर रजिस्टर्ड ही नहीं थी। ज़मीन के असली मालिकों ने इस सिलसिले में सोनीपत में आरोपियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करा दी थी।
महाजन ने बताया कि परमिंदर सिंह ने धोखाधड़ी की एक अलग शिकायत भी दर्ज कराई है, जिसकी आर्थिक अपराध शाखा द्वारा जांच की जा रही है। उन्होंने बताया कि अब तेजिंदर सिंह ने संदिग्ध के खिलाफ एक नई शिकायत दर्ज कराई है।
संपर्क करने पर विश्वजीत ने कहा कि उन्हें किसी शिकायत की जानकारी नहीं है और उन्होंने अपने खिलाफ लगे आरोपों का खंडन किया।