शहरी स्थानीय निकाय (यूएलबी) कर्मचारियों के संगठन नगर पालिका कर्मचारी संघ ने रविवार को घोषणा की कि वे अपनी मांगें नहीं मानने पर राज्य सरकार के खिलाफ आंदोलन शुरू करेंगे। यह घोषणा संघ के अध्यक्ष नरेश कुमार शास्त्री की अध्यक्षता में कर्मचारियों के राज्य स्तरीय सम्मेलन में उनके मुद्दों पर विस्तार से चर्चा के बाद की गई।
शास्त्री ने कहा, “अभियान का पहला चरण 16 दिसंबर को हर जिला मुख्यालय पर विरोध प्रदर्शन और गेट मीटिंग करके शुरू किया जाएगा। 17 दिसंबर को भी विरोध जारी रहेगा। इसके बाद 24 दिसंबर को सभी मंत्रियों के आवासों का घेराव किया जाएगा और मांगों से संबंधित ज्ञापन सौंपा जाएगा।”
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार पर अपनी मांगें स्वीकार करने के लिए दबाव बनाने के लिए राज्य भर की सभी नगर पालिकाओं, परिषदों और निगमों में 12 घंटे की भूख हड़ताल की जाएगी।
संघ के महासचिव मांगे राम तिगरा ने कहा, “पिछले एक दशक में राज्य सरकार द्वारा एक भी सफाई कर्मचारी और सीवरमैन की सेवाओं को नियमित नहीं किया गया है। यहां तक कि नियमित भर्तियां भी नहीं की गई हैं। हालांकि, भाजपा सरकार ने 8 फरवरी, 2022 को अनुभवी संविदा कर्मचारियों को नियमित करने के लिए एक पत्र जारी किया था, लेकिन अभी तक एक भी सफाई कर्मचारी को पत्र का लाभ नहीं मिला है।”
उन्होंने कहा कि सरकार को उनकी मांगें मान लेनी चाहिए और झूठे आश्वासन देना बंद करना चाहिए।
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