धर्मशाला, 26 अगस्त पूर्व विधानसभा अध्यक्ष एवं सुलह विधायक विपिन सिंह परमार ने आज आरोप लगाया कि प्रदेश की कांग्रेस सरकार कर्मचारियों का शोषण कर रही है तथा बेरोजगार युवाओं के साथ धोखा कर रही है।
भाजपा कांगड़ा-चंबा प्रभारी ने कहा कि सुखविंदर सिंह सुक्खू के नेतृत्व वाली सरकार द्वारा युवाओं को विरोध प्रदर्शन के लिए मजबूर करने के बाद कर्मचारी और पेंशनर्स सड़कों पर उतर आए हैं।
उन्होंने कहा कि नियमित प्रतियोगी परीक्षाओं के अलावा नई भर्तियों पर पूरी तरह से रोक है। उन्होंने कहा कि भाजपा के शासनकाल में ऐसा कभी नहीं हुआ कि कर्मचारी संगठनों को अपनी मांगों के समर्थन में धरना-प्रदर्शन करना पड़े। उन्होंने कहा कि कांग्रेस सरकार के डेढ़ साल के कार्यकाल में कर्मचारियों को सड़कों पर उतरने के लिए मजबूर होना पड़ा है।
परमार ने कहा कि चुनाव से पहले कांग्रेस नेताओं ने सार्वजनिक तौर पर कहा था कि सत्ता में आने पर वे आउटसोर्सिंग बंद कर देंगे और हर साल एक लाख स्थाई नौकरियां देंगे, लेकिन अब मुख्यमंत्री सार्वजनिक मंचों से कह रहे हैं कि वे आउटसोर्सिंग के जरिए पद भरने जा रहे हैं।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस के नेता कर्मचारी हितैषी होने का दंभ भरते हैं, लेकिन जब मंत्रिमंडल की बैठकों में कर्मचारियों के खिलाफ फैसले लिए जा रहे हैं, तो वे चुप्पी साध लेते हैं। परमार ने कहा कि आर्थिक संकट और कोविड से उपजे विपरीत हालातों के बावजूद भाजपा ने पांच साल सरकार चलाई, लेकिन कभी ऐसा नहीं हुआ कि कर्मचारियों का वेतन रोका गया हो या डीए देने में देरी हुई हो। उन्होंने कहा कि यह पहली सरकार है जो बेतहाशा कर्ज ले रही है, लेकिन कर्मचारियों को समय पर वेतन, डीए और एरियर नहीं दे पा रही है। इतना ही नहीं, कर्मचारियों को पिछले दो साल से मेडिकल प्रतिपूर्ति का भुगतान नहीं किया गया है और देनदारी करोड़ों में है। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार ने पिछले कार्यकाल में जनता को जो सुविधाएं दी थीं, उन्हें बंद किया जा रहा है और टैक्स बढ़ाकर लोगों पर बोझ डाला जा रहा है।
परमार ने कहा कि प्रदेश हित में तथा कर्मचारियों, पेंशनरों व युवाओं के हकों के लिए भाजपा सड़कों पर उतरेगी और जनता के सामने कांग्रेस सरकार को कटघरे में खड़ा करेगी।