N1Live Himachal हमारे पाठक क्या कहते हैं: 13 महीने बाद भी, तरदा के निवासी बिना पुल के नदी पार करने के लिए जान जोखिम में डाल रहे हैं
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हमारे पाठक क्या कहते हैं: 13 महीने बाद भी, तरदा के निवासी बिना पुल के नदी पार करने के लिए जान जोखिम में डाल रहे हैं

What our readers say: Even after 13 months, residents of Tarda are risking their lives to cross the river without a bridge

कुल्लू की सैंज घाटी में आपदा के तेरह माह बाद भी पांच पंचायतों को जोड़ने वाला तरेड़ा बेली ब्रिज नहीं बन पाया है। पिछले वर्ष जुलाई में आई बाढ़ में यह पुल बह गया था, जिसके बाद प्रशासन ने रोपवे का अस्थायी पुल बनाया था। लेकिन, तकनीकी खराबी के कारण वह भी अनुपयोगी हो गया। ग्रामीणों ने खुद ही लकड़ी का फुटब्रिज बनाने का बीड़ा उठाया था, जो कि पिछले दिनों आई बाढ़ में बह गया। अब पांचों पंचायतों के हजारों लोगों को रोजमर्रा के कामों के लिए नदी पार करते समय जान जोखिम में डालनी पड़ रही है। मंत्रियों, प्रशासन और लोक निर्माण विभाग के कई आश्वासन अब तक निरर्थक रहे हैं। यहां जल्द से जल्द बेली ब्रिज बनाया जाना चाहिए, ताकि कोई हादसा न हो। तारा चंद, तरेड़ा (सैंज)

बोइल्यूगंज-तवी मोड़ मार्ग पर सड़क किनारे कूड़ा-कचरा

बोइलुगंज-तवी मोड़ सड़क के किनारे काफी समय से मलबा पड़ा हुआ है। इससे यात्रियों को काफी असुविधा हो रही है। यदि इसे जल्द नहीं हटाया गया तो यह मलबा दुर्घटना का कारण बन सकता है। संबंधित अधिकारियों को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि क्षेत्र के निवासियों के हित में सड़क के किनारे जल्द से जल्द साफ-सफाई हो। महिंदर, शिमला

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