केंद्रीय बजट में बिहार में मखाना बोर्ड के प्रस्ताव के बाद मखाना कृषकों और इससे संबंधित व्यापारियों के बीच खुशी की लहर है। साथ ही केंद्र सरकार के मंत्री भी यहां आकर मखाना किसानों को खेती में हो रही परेशानियों को समझ रहे हैं और उनके समाधान के प्रयास में जुटे हैं।
इसी कड़ी में गुरुवार को केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह दरभंगा पहुंचे और मखाना प्रोसेसिंग यूनिट का निरीक्षण किया। उन्होंने मखाना किसानों के साथ बैठक करके उनकी समस्याओं को भी जाना।
प्रोसेसिंग यूनिट के निरीक्षण के क्रम में केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने मखाने की फोड़ी से लेकर मखाना तैयार होने की पूरी प्रक्रिया को बारीकी से देखा और समझा।
उन्होंने पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि मखाना की खेती में किसानों की पूंजी लगती है। इसे लेकर मैंने जिलाधिकारी से भी बात की है।
उन्होंने कहा कि केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भी अनुसंधान केंद्र में मखाना की खेती को काफी नजदीक से देखकर बारीकियों को समझा है। अब यह साफ है कि सरकार के प्रयास से मखाना का उत्पादन भी बढ़ेगा।
उन्होंने बताया कि मखाना किसानों के लिए इंटरक्रॉपिंग की व्यवस्था की जा रही है, जिससे किसानों की आय में बढ़ोतरी होगी। किसानों की इंटरक्रॉप करने के बाद स्थिति बदलेगी। एक से डेढ़ लाख की आय न हो तो किसानों को मखाना की खेती की ओर मोड़ने में परेशानी होगी। इसी को लेकर नाबार्ड की बैठक में अधिकारियों के साथ वार्ता की गई है।
उन्होंने कहा कि इस बार मखाना की खेती के क्षेत्रफल में 1,000 हेक्टेयर की वृद्धि हुई है। उम्मीद है कि आने वाले दिनों में इसकी खेती में और वृद्धि होगी। मखाना की 90 प्रतिशत खेती बिहार में होती है। अब यह सुपर फूड बन चुका है। इससे मखाना किसानों की स्थिति और सुदृढ़ होगी।
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