June 19, 2025
National

केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ब्रिटेन की यात्रा के लिए रवाना, दोनों देशों के बीच आर्थिक और व्यापारिक साझेदारी होगी मजबूत

Union Minister Piyush Goyal leaves for UK visit, economic and trade partnership between the two countries will be strengthened

केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल बुधवार को भारत-ब्रिटेन मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) पर रणनीतिक गति और द्विपक्षीय आर्थिक सहयोग को मजबूत करने के लिए ब्रिटेन की दो दिवसीय उच्चस्तरीय यात्रा पर रवाना हुए।

वाणिज्य मंत्रालय के एक बयान के अनुसार, केंद्रीय मंत्री गोयल की इस यात्रा का उद्देश्य दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय संबंधों में तेजी लाना, उभरते अवसरों का लाभ उठाना और एक दूरदर्शी, पारस्परिक रूप से लाभकारी आर्थिक संबंध के लिए मजबूत आधार तैयार करना है।

केंद्रीय मंत्री गोयल की यह यात्रा भारत और ब्रिटेन के साथ अपनी आर्थिक और व्यापारिक साझेदारी को मजबूत करने पर रणनीतिक ध्यान केंद्रित करने को रेखांकित करती है।

यात्रा के दौरान केंद्रीय मंत्री गोयल ब्रिटिश समकक्ष जोनाथन रेनॉल्ड्स के साथ द्विपक्षीय बैठक करेंगे। दोनों नेता मौजूदा एफटीए वार्ता में हुई प्रगति की समीक्षा करेंगे और इसे अंतिम रूप देने तथा लागू करने के लिए एक स्पष्ट, समयबद्ध रोडमैप तैयार करेंगे।

मंत्रालय के अनुसार, केंद्रीय मंत्री चांसलर ऑफ द एक्सचेकर रेचल रीव्स से भी मिलेंगे, जहां वे दोनों देशों के बीच व्यापक आर्थिक प्राथमिकताओं, वित्तीय सहयोग और निवेश सुविधा पर चर्चा करेंगे।

इसके अलावा, केंद्रीय मंत्री गोयल क्रिएटिव इंडस्ट्रीज और इनोवेशन-ड्रिवन सेक्टर में सहयोग के अवसरों का पता लगाने के लिए संस्कृति, मीडिया और खेल मंत्री लिसा नंदी के साथ बातचीत करेंगे।

वे प्रतिष्ठित इंडिया ग्लोबल फोरम (आईजीएफ) में कई सत्रों में भी भाग लेंगे, जिसमें मेनस्टेज प्लेनरी, फ्यूचर फ्रंटियर्स फोरम और ‘फ्रॉम एग्रीमेंट टू एक्शन: यूके-इंडिया एफटीए’ शीर्षक से एक राउंडटेबल मीटिंग शामिल है।

ये बैठकें वैश्विक व्यापार जगत के नेताओं, निवेशकों और नीति विशेषज्ञों को भारत-यूके इकोनॉमिक कॉरिडोर की रणनीतिक रूपरेखा और प्रस्तावित एफटीए के परिवर्तनकारी प्रभाव पर विचार-विमर्श करने के लिए एक साथ लाएंगी।

उम्मीद है कि केंद्रीय मंत्री शिपिंग, फिनटेक, लॉजिस्टिक्स और एडवांस्ड मैन्युफैक्चरिंग सहित प्रमुख क्षेत्रों के प्रमुख सीईओ और उद्योग हितधारकों के साथ बातचीत करेंगे, जिसका उद्देश्य वाणिज्यिक संबंधों को गहरा करना और सीमा पार निवेश को बढ़ावा देना है।

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