केंद्रीय ग्रामीण विकास राज्य मंत्री कमलेश पासवान ने रविवार को यहां कहा कि पंजाब में बाढ़ मिट्टी के तटबंधों के रखरखाव की कमी के कारण आई, जिसके परिणामस्वरूप तटबंध टूट गए और सैकड़ों गांव जलमग्न हो गए।
उन्होंने पूर्व विधायक अमरपाल सिंह बोनी के साथ अजनाला और रामदास में बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया, जहां उन्होंने किसानों और निवासियों से बातचीत की।
उन्होंने किसानों से कहा, “मैं पंजाब के किसानों और निवासियों की समस्याओं से परिचित हूं, क्योंकि मेरा लोकसभा क्षेत्र भी बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में आता है।” उन्होंने कहा कि वह इस संबंध में प्रधानमंत्री कार्यालय को एक रिपोर्ट सौंपेंगे।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार इस कठिन समय में पंजाब के साथ खड़ी है। इससे पहले, केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज चौहान और केंद्रीय रक्षा राज्य मंत्री संजय सेठ ने अजनाला का दौरा किया था। प्रधानमंत्री मोदी ने गुरदासपुर और अमृतसर में बाढ़ का हवाई सर्वेक्षण किया था।
पासवान ने ग्रामीणों का हालचाल पूछा, बाढ़ पीड़ितों से मुलाकात की और राहत कार्यों का जायजा लिया। उन्होंने स्थानीय प्रशासन से खाद्य सामग्री, दवाइयाँ, स्वच्छ पेयजल, अस्थायी आवास आदि की आपूर्ति और क्षतिग्रस्त मकानों व फसलों के मुआवजे की स्थिति के बारे में जानकारी ली।
केंद्रीय राज्य मंत्री ने कहा कि पंजाब के साथ एकजुटता दिखाते हुए केंद्र सरकार ने 1,600 करोड़ रुपये के राहत पैकेज की घोषणा की है, जिससे प्रारंभिक राहत कार्य में तेजी आएगी और क्षेत्र में पुनर्वास और बुनियादी ढांचे को मजबूत करने में मदद मिलेगी।
मंत्री ने कहा कि प्रभावित लोगों के जीवन को पुनः पटरी पर लाने के लिए धन और अन्य संसाधनों की कोई कमी नहीं होगी।
उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार मनरेगा के तहत 50 दिन का अतिरिक्त रोजगार भी उपलब्ध कराएगी। उन्होंने कहा कि जिन लोगों के घर नष्ट हो गए हैं, उनके लिए प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत घर बनाए जाएँगे।
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