लखनऊ, 16 नवंबर । यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ प्रदेशवासियों को सुगम, सस्ता और गुणवत्तापूर्ण इलाज उपलब्ध कराने के लिए लगातार अहम कदम उठा रहे हैं। इसी के तहत योगी सरकार द्वारा गर्भवती महिलाओं को निजी अल्ट्रासाउंड केंद्रों पर फ्री अल्ट्रासाउंड की सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है। इसके लिए गर्भवतियों को ई रुपी वाउचर जारी किए जा रहे हैं।
9 नवंबर तक 14 लाख से अधिक वाउचर जारी किए गए हैं। इसमें सबसे अधिक आजमगढ़ में 61 हजार से अधिक वाउचर जारी किए गए हैं, जबकि दूसरे नंबर पर आगरा में 56 हजार से अधिक और तीसरे नंबर पर बदायूं में 53 हजार से अधिक वाउचर जारी किए गए। बता दें कि योगी सरकार निजी अल्ट्रासाउंड केंद्रों पर फ्री सुविधा फरवरी 2023 से उपलब्ध करा रही है।
राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एनएचएम) की निदेशक डॉ. पिंकी जोवल ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जच्चा-बच्चा के स्वास्थ्य को लेकर काफी गंभीर हैं। ऐसे में योगी सरकार ने गर्भवती महिलाओं को निजी अल्ट्रासाउंड केंद्रों पर निःशुल्क सेवाएं प्रदान करने के लिए फरवरी 2023 में ई रुपी वाउचर योजना शुरू की थी। इसका उद्देश्य महिलाओं को गर्भावस्था के दौरान समय-समय पर आवश्यक जांच की सुविधाएं को उपलब्ध कराना है, ताकि उनकी और उनके अजन्मे शिशु की सेहत सुनिश्चित हो सके। इसी क्रम में शासन द्वारा 9 नवंबर तक गर्भवती महिलाओं को 14,50,238 ई रुपी वाउचर जारी किए जा चुके हैं। वहीं, गर्भवती महिलाओं द्वारा 6,81,341 ई रुपी वाउचर का लाभ उठाया जा चुका है।
उन्होंने बताया कि आजमगढ़ में 9 नवंबर तक सबसे अधिक 61,019 वाउचर जारी किए गए हैं। इसी के साथ आजमगढ़ वाउचर जारी करने में पहले स्थान पर है, जबकि दूसरे स्थान पर आगरा है, जहां 56,512 वाउचर जारी किए गए हैं। इसी तरह तीसरे नंबर पर बदायूं हैं, जहां पर 53,733 वाउचर जारी किए गए हैं।
मिशन निदेशक ने बताया कि ई रुपी वाउचर जारी करने में प्रदेश के टॉप टेन जिलों में चौथे स्थान पर प्रयागराज, पांचवें स्थान पर देवरिया, छठे स्थान पर गाजियाबाद, सातवें स्थान पर गोरखपुर, आठवें स्थान पर बरेली, नौवें स्थान पर गाजीपुर और दसवें स्थान पर हरदोई है। इसी तरह सबसे कम कासगंज में 4,352 वाउचर जारी किए गए। इसके बाद भदोही में 4,876 और शामली में 5,749 ई रुपी वाउचर जारी किए गए। योगी सरकार की ई रुपी वाउचर सुविधा का उद्देश्य प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाओं को और अधिक प्रभावी और सुलभ बनाना है। इस योजना से न केवल महिलाओं की स्वास्थ्य जांच सुनिश्चित हुई है, बल्कि भ्रष्टाचार में लगाम लगाने में भी सहायक सिद्ध हुई है। यह योजना पूरी तरह से डिजिटल है, जिससे योगी सरकार की योजना का लाभ सीधे लाभार्थियों तक पहुंच रहा है।