वाराणसी, 20 अप्रैल । नेशनल हेराल्ड मामले में लोकसभा के नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी और राज्यसभा सांसद एवं अखिल भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के आरोप पत्र दाखिल करने के खिलाफ कांग्रेस पार्टी ने बुधवार को देशव्यापी प्रदर्शन किया। इस पर सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (सुभासपा) प्रमुख एवं यूपी सरकार के कैबिनेट मंत्री ओम प्रकाश राजभर ने तंज कसते हुए कहा कि उनके पास प्रदर्शन के सिवाय और कुछ करने को नहीं है।
सुभासपा प्रमुख ने वाराणसी में पत्रकारों से बात करते हुए कहा, कांग्रेस और विपक्ष के पास प्रदर्शन के सिवाय और कोई रास्ता नहीं है। अब वह सिर्फ प्रदर्शन ही करेंगे। जब वे सत्ता में रहते हैं, तब उन्हें गरीब, कमजोर और अल्पसंख्यक याद नहीं आते हैं। उन्हें रोटी, कपड़ा, मकान, शिक्षा, दवा याद नहीं आता है। जब वे सत्ता से बाहर रहते हैं तो उनके पास कोई काम नहीं होता।
उत्तर प्रदेश की मुख्य विपक्षी समाजवादी पार्टी पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा, “जब अखिलेश की सरकार थी, तो लोग सपा को गुंडो की पार्टी कहते थे। अपराधी छुट्टा सांड की तरह घूमते थे, लेकिन अब प्रदेश में अपराधियों पर अंकुश लगा है। अब प्रदेश में जितने भी अपराधी हैं, वो या तो जेल में है या फिर कायदे से रह रहे हैं। अगर कोई अपराध करने की कोशिश कर रहा है, तो उसे कानून के दायरे में 24 घंटों के अंदर सलाखों के पीछे पहुंचा दिया जा रहा है।”
ममता बनर्जी के नेतृत्व वाली तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) शासित पश्चिम बंगाल में वक्फ अधिनियम के खिलाफ प्रदर्शन में हिंसा को लेकर राजभर ने कहा, “पश्चिम बंगाल में जिस तरह से हिंसा हो रही है, उसे देखते हुए वहां राष्ट्रपति शासन लगाया जाना चाहिए। कलकत्ता हाईकोर्ट के आदेश पर वहां केंद्रीय रिजर्व फोर्स की तैनाती की गई है। वहां पर जिस तरह की घटनाएं हो रही हैं, लोग पलायन कर रहे हैं। ऐसे में वहां पर राष्ट्रपति शासन लगाने की जरूरत है।”