December 19, 2025
National

लोकसभा में हंगामा, विपक्ष की मांग- ‘जी राम जी’ बिल को स्थायी समिति या जेपीसी को भेजा जाए

Uproar in Lok Sabha, Opposition demands ‘Ji Ram Ji’ bill be sent to Standing Committee or JPC

लोकसभा में गुरुवार को उस समय भारी हंगामा देखने को मिला, जब केंद्रीय कृषि एवं ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज सिंह चौहान ‘विकसित भारत: गारंटी फॉर रोजगार एंड आजीविका मिशन (ग्रामीण) विधेयक, 2025’ यानी ‘विकसित भारत: जी राम जी’ बिल पर सरकार का पक्ष रख रहे थे।

विपक्षी सांसदों की लगातार नारेबाजी और विरोध के कारण सदन का माहौल पूरी तरह अशांत हो गया। कांग्रेस सांसद केसी वेणुगोपाल ने स्पीकर ओम बिरला से आग्रह किया कि इस अहम विधेयक को विस्तृत जांच के लिए स्थायी समिति या संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) को भेजा जाए। वेणुगोपाल ने कहा कि यह बिल मनरेगा जैसे बड़े रोजगार कानून की जगह ले रहा है, इसलिए इसे जल्दबाजी में पारित नहीं किया जाना चाहिए।

हालांकि, लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने विपक्ष की मांग को खारिज कर दिया। उन्होंने कहा कि इस विधेयक पर पहले ही आठ घंटे से अधिक समय तक चर्चा हो चुकी है, जो बुधवार देर रात तक चली थी। ऐसे में इसे समिति को भेजने की जरूरत नहीं है। विरोध के बावजूद केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने अपना भाषण जारी रखा। उन्होंने कहा कि नया कानून ग्रामीण रोजगार और आजीविका को और मजबूत करेगा। इस बिल के तहत हर साल 125 दिन का वेतनयुक्त रोजगार सुनिश्चित किया जाएगा, जो मौजूदा मनरेगा के 100 दिनों से अधिक है।

शिवराज सिंह चौहान ने कहा, “बड़े बजट और ज्यादा रोजगार के साथ हम पूरी तरह विकसित गांवों की नींव रख रहे हैं। यही मोदी सरकार का लक्ष्य है।” उन्होंने कहा कि इस योजना का नाम ही रोजगार और आजीविका की गारंटी को दर्शाता है और यह प्रधानमंत्री मोदी के ‘विकसित भारत 2047’ के विजन से जुड़ा हुआ है।

केंद्रीय मंत्री ने आरोप लगाया कि कांग्रेस सरकार के समय मनरेगा का बजट 40 हजार से घटाकर 35 हजार करोड़ रुपए कर दिया गया था, जबकि मौजूदा सरकार इस नई योजना के तहत 95 हजार करोड़ रुपए से अधिक खर्च करेगी। विपक्ष का आरोप है कि यह बिल मनरेगा की मांग आधारित गारंटी को कमजोर करता है, राज्यों पर वित्तीय बोझ डालता है और महात्मा गांधी का नाम हटाना राष्ट्रपिता का अपमान है।

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