हिमाचल प्रदेश में युवाओं में बढ़ती नशीली दवाओं की लत पर लगाम लगाने की दिशा में एक बड़ा कदम उठाते हुए, शिक्षा विभाग ने राज्य सीआईडी के सुझावों पर अमल करते हुए, राज्य के सभी सरकारी कॉलेजों के प्राचार्यों को मूत्र-आधारित ड्रग टेस्टिंग किट शुरू करने का निर्देश दिया है ताकि छात्रों में नशीली दवाओं के दुरुपयोग का जल्द पता लगाया जा सके। इन किटों से अधिकारी आसानी से पता लगा सकेंगे कि कोई छात्र किसी भी प्रकार के नशे में तो नहीं है।
उच्च शिक्षा के संयुक्त निदेशक की ओर से इस संबंध में पत्र जारी किया गया है, जिसमें प्रधानाचार्यों को अभिभावक शिक्षक बैठक (पीटीए) के दौरान इस पर चर्चा करने के निर्देश दिए गए हैं।
यह कदम अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (एडीजीपी), सीआईडी, ज्ञानेश्वर सिंह के सुझाव के बाद उठाया गया, जिन्होंने उच्च शिक्षा निदेशक और स्कूल शिक्षा निदेशक को लिखे पत्र में स्कूलों में मूत्र आधारित दवा परीक्षण किट का उपयोग करने का सुझाव दिया था।
सिंह ने पत्र में राज्य में नशीली दवाओं के दुरुपयोग की वर्तमान स्थिति पर प्रकाश डाला था और कहा था कि इस पर तत्काल रोकथाम के उपाय किए जाने की आवश्यकता है। उन्होंने बताया कि राज्य के युवा नशीली दवाओं के दुरुपयोग से प्रभावित हैं और यहाँ तक कि स्कूली बच्चे भी विभिन्न प्रकार के नशीले पदार्थों के आदी पाए गए हैं।
उन्होंने सुझाव दिया कि स्कूलों में मूत्र आधारित त्वरित दवा परीक्षण किट का उपयोग प्रभावित छात्रों की शीघ्र पहचान और समय पर हस्तक्षेप के लिए एक उपयोगी उपकरण के रूप में काम करेगा, जिससे राज्य से नशीली दवाओं के दुरुपयोग को समाप्त किया जा सकेगा।