महिला स्वयं सहायता समूह की महिलाएं सरकार द्वारा संचालित जन कल्याणकारी योजनाओं का लाभ लेकर अपनी आजीविका चला रही है, बल्कि वह अच्छा खासा मुनाफा कमा अपनी आर्थिक की में भी सुधार किया है।
उत्तराखंड के सीमांत जनपद चमोली की महिलाएं राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (एनआरएमएल) के तहत सरकार द्वारा संचालित योजनाओं का लाभ लेकर आत्मनिर्भर बन रही है। समूह की महिलाओं के द्वारा पहाड़ी उत्पादों को बेचकर हजारों की कमाई कर रही हैं तो वहीं, पारंपरिक मिष्ठानों अरसे और रोटने के माध्यम से अच्छी कमाई कर रही है। आमजन हाथों-हाथ इन उत्पादों को खरीद रहे हैं और महिलाओं की तारीफ भी हो रही है ।
महिलाओं का कहना है कि यह सरकार द्वारा संचालित योजन योजनाएं उनके लिए वरदान साबित हुई है। महिला स्वयं सहायता समूह के माध्यम से आज वह अच्छी कमाई कर रही हैं और उनके परिवार की आर्थिक की भी सुधरी है।
लाभार्थी कांता रावत बताती हैं कि राष्ट्रीय आजीविका मिशन के तहत वे आउटलेट के माध्यम से पहाड़ी उत्पादों का विपणन कर रही है और इसके साथ-साथ अच्छा मुनाफा भी कमा रही है। इस काम में उनके पति भी उनका हाथ बढ़ा रहे हैं। पहाड़ी उत्पादों को लोग हाथों-हाथ ले रहे हैं।
लाभार्थी कांता रावत ने आईएएनएस से बातचीत में कहा कि मैं नंदादेवी समूह से तीन साल से जुड़ी हूं और एनआरएमएल चला रही हूं। गांव से उत्पाद लेकर उसकी सफाई कर पैकिंग की जाती है और कई उत्पाद खुद बनाती हूं। उन्होंने कहा कि सरकार महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए प्रयास कर रही है। पहले समूह नहीं रहने पर महिलाएं जागरूक नहीं थी। जब गांव में महिला समूह बने हैं तो वह आजीविका चलाने के लिए प्रशिक्षण ले रही हैं। सिलाई-बुनाई और डेयरी क्षेत्र में महिलाएं काम कर रही हैं। इन योजनाओं के लिए मैं सरकार का आभार व्यक्त करती हूं।
लाभार्थी के पति महिपाल सिंह रावत ने बताया कि पहले देहरादून में निजी क्षेत्र में नौकरी करता था। घर से दूर रहने पर कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ता था। परिजनों ने कहा कि घर पर रहकर महिला समूह की दुकान चलाएंगे। इसके बाद मैं घर आ गया और समूह से जुड़ कर परिवार का पालन पोषण कर रहा हूं।


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