January 10, 2025
Uttar Pradesh

वाराणसी : प्रशासन ने 80 सालों बाद खुलवाया सिद्धेश्वर महादेव मंदिर, लोगों ने लगाए हर-हर महादेव के नारे

Varanasi: Administration opened Siddheshwar Mahadev temple after 80 years, people raised slogans of Har Har Mahadev

वाराणसी, 9 जनवरी । प्राचीन नगरी वाराणसी के मुस्लिम बाहुल्य क्षेत्र मदनपुरा में स्थित सिद्धेश्वर महादेव मंदिर बुधवार को श्रद्धालुओं के लिए खोल दिया गया। यह मंदिर पिछले 80 वर्षों से बंद था। भारी पुलिस बल के साथ गई प्रशासन की टीम ने मंदिर को खुलवाकर उसकी सफाई करवाई। सफाई के दौरान मंदिर के अंदर एक खंडित शिवलिंग भी मिला।

बता दें कि इस मंदिर को फिर से खोलने की मांग स्थानीय हिंदू संगठनों द्वारा की गई थी। इन हिदू संगठनों ने इस मंदिर को फिर से खोलकर पूजा-अर्चना करने शुरू कराए जाने की अपील की थी। बताया जा रहा है कि मकर संक्रांति के बाद पंडितों द्वारा इस मंदिर में शिवलिंग की प्राण प्रतिष्ठा की जाएगी, जिससे मंदिर की धार्मिक स्थिति फिर से स्थापित हो सके।

मंदिर के पुनः उद्घाटन के मौके पर शांति व्यवस्था बनी रहे और किसी प्रकार की कोई परेशानी न हो इसके लिए भारी पुलिस बल तैनात किया गया है। श्रद्धालुओं ने सिद्धेश्वर महादेव मंदिर में “हर-हर महादेव” के जयकारे के साथ जलाभिषेक भी किया।

काशी जोन के डीसीपी गौरव बंसवाल ने बताया, “यह मंदिर बुधवार सुबह आम लोगों की सहमति से खुलवाया गया। मंदिर के अंदर जाने पर पता चला कि मंदिर में काफी धूल-मिट्टी जमा है। काफी मलवा पड़ा है। इसे धीरे-धीरे हटाया जा रहा है। हम ध्यान रख रहे हैं कि मंदिर के अंदर कोई भी चीज हो तो उसे क्षति न पहुंचे। इस मंदिर में धीरे-धीरे पूजा-पाठ शुरू कर दिया जाएगा। यहां इस मंदिर के लिए आम लोगों का बहुत समर्थन मिल रहा है।”

एडीएम सिटी आलोक वर्मा ने बताया, “मंदिर खुलवा दिया गया है। मंदिर में अभी सफाई का काम चल रहा है। मंदिर अभी किसी को हैंड ओवर नहीं किया गया है। साफ-सफाई होने के बाद देखा जाएगा कि किसको हैंड ओवर करना है। इसके लिए फैसला बैठक के बाद लिया जाएगा। पहले सभी उच्चाधिकारियों के साथ बैठक होगी, फिर निर्णय लिया जाएगा। इस मंदिर को खुलवाने के लिए दोनों पक्ष तैयार थे। किसी भी पक्ष की तरफ से कोई आपत्ति नहीं दर्ज कराई गई। आपसी सहमति से इस मंदिर को खुलवा दिया गया।”

विश्व हिंदू परिषद नेता राकेश मिश्र ने बताया, “सिद्धेश्वर महादेव का मंदिर तो विराजमान था। दरवाजा बंद था। बस लोगों का ध्यान नहीं था। मंदिर के अंदर मिट्टी वगैरह पड़ी हुई थी। इसे साफ कराया जा रहा है। इसमें क्षेत्रीय लोगों ने बहुत मदद की।”

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