March 10, 2025
Himachal

कुल्लू में ब्यास नदी के किनारे कूड़ा फेंकने पर वाहन मालिक पर 5,000 रुपये का जुर्माना

Vehicle owner fined Rs 5,000 for throwing garbage on the banks of Beas river in Kullu

राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (पीसीबी) ने सोशल मीडिया पर वायरल हुए एक वीडियो का संज्ञान लिया है जिसमें कुल्लू के बंदरोल इलाके में ब्यास नदी के किनारे एक वाहन में सवार दो व्यक्ति कूड़ा फेंकते हुए दिखाई दे रहे हैं। इस मामले में वाहन मालिक के खिलाफ कार्रवाई की गई है। वाहन मालिक पर 5,000 रुपये का जुर्माना लगाने के अलावा उसे ब्यास नदी के किनारे से कूड़ा हटाने के लिए भी कहा गया है।

कुल्लू पीसीबी के क्षेत्रीय अधिकारी सुनील शर्मा ने बताया कि जीप मालिक के खिलाफ सॉलिड वेस्ट डिस्पोजल एक्ट के प्रावधानों का उल्लंघन करने के आरोप में कार्रवाई की गई है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि पीसीबी पर्यावरण और नदियों को प्रदूषित करने वालों के खिलाफ लगातार कार्रवाई करने के लिए प्रतिबद्ध है।

कुछ दिन पहले सोशल मीडिया पर सामने आए वीडियो में कुछ लोग जीप से नदी के किनारे कूड़ा फेंकते हुए दिखाई दे रहे हैं। इससे हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय के उस आदेश के अनुपालन पर सवाल उठ रहे हैं, जिसमें अवैध खनन को रोकने के लिए नदियों की ओर जाने वाले सभी संपर्क मार्गों को बंद करने का आदेश दिया गया था। पीसीबी ने तुरंत कूड़ा हटवाया और जीप मालिक पर जुर्माना लगाया।

इससे पहले एक संबंधित घटना में, कुल्लू के सरवरी क्षेत्र में मैटेरियल रिकवरी फैसिलिटी (एमआरएफ) से बड़ी मात्रा में कचरे को जेसीबी मशीन का उपयोग करके ब्यास की सहायक सरवरी नदी में फेंकते हुए दिखाया गया था। पीसीबी ने कुल्लू नगर परिषद (एमसी) को नोटिस जारी किया था, जिसने आरोपों से इनकार किया था। हालांकि, बाद में एमसी ने जेसीबी मशीन और मजदूरों का उपयोग करके सरवरी के किनारों से बचा हुआ कचरा हटा दिया।

स्थानीय निवासियों ने कुल्लू नगर निगम के अकुशल कचरा प्रबंधन पर नाखुशी जताई। स्थानीय लोगों के विरोध के बावजूद नगर निगम ने एक खूबसूरत पार्क को डंपिंग यार्ड में बदल दिया, जिससे जल निकायों का प्रदूषण बढ़ गया। निवासियों का कहना है कि संबंधित अधिकारियों को जवाबदेह बनाया जाना चाहिए, क्योंकि केवल जुर्माना लगाने से इस प्रथा को रोका नहीं जा सका है। उन्होंने ऐसे उल्लंघनकर्ताओं के खिलाफ आपराधिक कार्यवाही करने और ऐसी गतिविधियों में इस्तेमाल किए जाने वाले वाहनों को जब्त करने और लंबी मुकदमेबाजी के बाद ही छोड़ने की मांग की।

पर्यावरण कार्यकर्ता अभिषेक राय ने जिले में अपर्याप्त अपशिष्ट प्रबंधन के मुद्दे को उजागर किया, जिसके कारण जल निकायों के किनारे नियमित रूप से कचरा फेंका जाता है। उन्होंने कहा, “नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने पिछले साल मई में मनाली नगर निगम पर रंगरी अपशिष्ट प्रबंधन संयंत्र से अनुपचारित अपशिष्ट से ब्यास को प्रदूषित करने के लिए 4.6 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया था, लेकिन जिले के नगर निकायों ने पर्यावरण प्रदूषण को रोकने के लिए कोई सबक नहीं सीखा है।”

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