N1Live Uttar Pradesh जनसंख्या असंतुलन, संस्कारों के क्षरण और नशाखोरी पर अंकुश के लिए विहिप का युवाओं से आगे आने का आह्वान
Uttar Pradesh

जनसंख्या असंतुलन, संस्कारों के क्षरण और नशाखोरी पर अंकुश के लिए विहिप का युवाओं से आगे आने का आह्वान

VHP calls upon youth to come forward to curb population imbalance, erosion of values ​​and drug abuse.

प्रयागराज, 8 फरवरी। विहिप के केंद्रीय प्रन्यासी मंडल बैठक के द्वितीय सत्र में पारित एक प्रस्ताव में कहा गया है कि हिंदुओं की घटती जनसंख्या दर, हिंदू परिवारों के विखंडन, लिव इन संबंध, युवाओं में बढ़ती नशे की प्रवृत्ति चिंतनीय है। इसमें देश की युवा पीढ़ी से कहा गया है कि ये समस्याएं हिंदू समाज के लिए चुनौती बन गई हैं, जिनका जवाब उन्हें देना होगा।

विहिप के संयुक्त महामंत्री डॉ. सुरेंद्र जैन ने प्रयागराज में पत्रकारों को संबोधित करते हुए कहा कि देश के सामने आने वाली हर चुनौती का हिंदू युवा शक्ति ने हमेशा जवाब दिया है। जनसंख्या असंतुलन हिंदू समाज के अस्तित्व के लिए घातक सिद्ध हो रहा है। हिंदुओं की घटती हुई जनसंख्या बहुआयामी प्रभाव निर्माण करती है। हिंदू इस देश की पहचान हैं। अगर हिंदू घटा तो देश की पहचान और अस्तित्व के लिए भी संकट के बादल छा जाएंगे। इस स्थिति को रोकने के लिए हिंदू युवाओं को आगे बढ़ना होगा।

उन्होंने कहा कि देरी से विवाह और उज्जवल भविष्य की भ्रामक अवधारणाओं के मकड़ जाल के कारण भी हिंदू दंपतियों के बच्चे कम हो रहे हैं। विहिप ने आह्वान किया कि 25 वर्ष की उम्र में विवाह करना आज की आवश्यकता है। कई वैज्ञानिक अध्ययनों ने यह सिद्ध किया है कि यदि बच्चों का संपूर्ण विकास करना है तो प्रत्येक परिवार में दो या तीन बच्चे आवश्यक होने चाहिए।

प्रस्ताव में कहा गया है कि आज हिंदू संस्कारों के अभाव में परिवार संस्था पर भी संकट के बादल मंडरा रहे हैं। पश्चिमी भौतिकवाद का बढ़ता प्रभाव, अर्बन नक्सल षड्यंत्र और ग्लोबल कॉरपोरेट समूह मनोरंजन माध्यम एवं विज्ञापन से युवाओं को भ्रमित और संस्कार विहीन बना रहा है। इसी कारण विवाहेत्तर संबंध और लिव इन संबंध भी बढ़ रहे हैं।

विहिप ने युवाओं को अपनी जड़ों की ओर लौटने का आह्वान किया, जिससे सुखी पारिवारिक जीवन सुनिश्चित किया जा सके और बच्चों तथा बुजुर्गों को सामाजिक व भावनात्मक सुरक्षा भी दी जा सके। देश में बढ़ती हुई नशे की प्रवृत्ति पर भी विहिप ने चिंता व्यक्त की। 16 करोड़ से अधिक लोगों का नशे का आदी होना इस समस्या की भीषणता को प्रकट करता है।

विहिप ने युवाओं का आह्वान किया कि वे स्वयं भी नशे की आत्मघाती प्रवृत्ति से दूर रहें और अपने शिक्षण संस्थान, नगर व प्रांत को भी नशे से मुक्त बनाने के लिए वह बजरंग दल, दुर्गा वाहिनी व अन्य संगठनों का सहयोग करें। साथ ही विहिप ने विभिन्न सरकारों से भी मांग की कि वे नशे के व्यापार में लिप्त माफियाओं और आतंकियों के गठजोड़ पर अंकुश लगाएं व कठोर कानून बनाकर इस पर पूर्ण रोक लगाने का प्रयास करें।

विहिप ने संकल्प लिया है कि वह अपनी लाखों इकाइयों, सत्संग व संस्कार शालाओं और सत्संग केंद्रों के माध्यम से इन सब विषयों पर जन जागरण करेगी और युवा शक्ति को इन प्रवृत्तियों पर अंकुश लगाने का आह्वान करेगी।

Exit mobile version