नई दिल्ली, 14 मार्च । केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ‘विकसित भारत एंबेसडर’ कार्यक्रम के तहत गुरुवार को असम स्थित आईआईटी गुवाहाटी परिसर पहुंची और वहां उन्होंने उत्तर-पूर्वी राज्यों को तेज गति से विकास के रास्ते पर ले जाने और देश के अन्य हिस्सों की तरह विकास का समान अवसर प्रदान करने की मोदी सरकार की प्रतिबद्धता और संकल्प को दोहराया।
आईआईटी गुवाहाटी में ‘विकसित भारत एंबेसडर कैंपस डायलॉग’ को संबोधित करते हुए, वित्त मंत्री ने पिछले दस वर्षों में मोदी सरकार के द्वारा शुरू किए गए विकास कार्यों के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि कैसे इससे देश के उत्तर-पूर्वी क्षेत्र के विकास में गति आई है।
उन्होंने आगे कहा कि पिछली सरकारों ने पूर्वोत्तर को कई दशकों तक उपेक्षित रखा, लेकिन 2014 में सत्ता में आने के बाद से मोदी सरकार ने इसके विकास पर विशेष जोर दिया।
उन्होंने आगे बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पूर्वोत्तर के ‘विकास’ में गहरी दिलचस्पी ली है और स्थानीय संसाधनों के जरिए उन्होंने यहां के विकास की कल्पना की है और यह अब अभूतपूर्व परिणाम दे रहा है।
उन्होंने कहा कि ‘बांस मिशन कार्यक्रम’ ने उत्तर-पूर्व की तरफ सबका ध्यान आकर्षित किया है। जैसे-जैसे दुनिया तेजी से कागज और प्लास्टिक का उपयोग छोड़ रही है, वैसे-वैसे बांस को वैश्विक स्वीकृति मिल रही है।
केंद्र की योजनाओं को गिनाते हुए वित्त मंत्री ने बताया, ”अब तक पूर्वोत्तर राज्यों को 25,000 करोड़ रुपये से अधिक की राशि विकास के लिए आवंटित की गई है, जबकि 6,600 करोड़ रुपये रोजगारोन्मुखी विकास के लिए क्षेत्र में दिए गए हैं।”
उन्होंने कहा कि भारत ने जी20 शिखर सम्मेलन की मेजबानी की। इसके 100 में से 20 से अधिक कार्यक्रम पूर्वोत्तर के राज्यों में आयोजित किये गये। कई मंत्री और विदेशी प्रतिनिधि इस क्षेत्र में आए, जिससे स्थानीय लोगों को अपने उत्पादों को वैश्विक मंच तक पहुंचाने का मौका मिला।
निर्मला सीतारमण ने कहा कि असम में सात कैंसर अस्पताल बन रहे हैं। यह इस क्षेत्र को चिकित्सा सेवाओं के केंद्र के रूप में स्थापित कर देगा और इसमें पूरे दक्षिण एशिया से मरीज सस्ते और उच्च-स्तरीय उपचार के लिए यहां आएंगे।
उन्होंने आगे कहा, ”अभी कुछ समय पहले पीएम मोदी ने असम में सात कैंसर अस्पतालों की आधारशिला रखी थी। इसके अलावा 8 नये मेडिकल कॉलेज और 2 नये आईआईआईटी खोले गये हैं। शिक्षा व्यवस्था को मजबूत करने के लिए 800 से अधिक स्कूल इस क्षेत्र में स्थापित किए गए हैं।”
निर्मला सीतारमण ने आगे कहा कि “उत्तर-पूर्व में विकास की यह गति पहले कभी नहीं देखी गई।”
वित्त मंत्री से जब वहां उपस्थित लोगों ने 2047 तक भारत को विकसित बनाने के रोडमैप के बारे में पूछा, तो उन्होंने चुटकी लेते हुए कहा, “यही कारण है कि हम आपसे विकसित भारत के एंबेसडर बनने का आग्रह कर रहे हैं।”
उन्होंने वहां कार्यक्रम में उपस्थित लोगों और छात्रों से विकसित भारत एंबेसडर के तौर पर जुड़ने का आग्रह किया।