शिमला, 1 जून सड़क और इंटरनेट कनेक्शन जैसी बुनियादी सुविधाओं की मांग को लेकर हिमाचल प्रदेश के चंबा जिले के चुराह उपमंडल के माखन और चचुल गांवों के निवासियों ने शनिवार को लोकसभा चुनाव का बहिष्कार किया।
संवल ग्राम पंचायत के अंतर्गत आने वाले दो दूरदराज गांवों के निवासियों ने कहा कि जब तक जिला प्रशासन उनकी शिकायतें नहीं सुनता, तब तक वे मतदान नहीं करेंगे स्थानीय निवासी रवि ने कहा, “जब तक जिला प्रशासन यहां नहीं आता और हमारी शिकायतें नहीं सुनता, हम वोट नहीं देंगे।”
ग्रामीणों ने यह भी आरोप लगाया कि यद्यपि प्रशासन को समस्या से अवगत कराया गया था, फिर भी कुछ नहीं बदला। माखन गांव के निवासी मुकेश कुमार ने कहा, “हम अभी भी इंटरनेट कनेक्टिविटी, सड़क और बिजली का इंतजार कर रहे हैं और स्थिति इतनी दयनीय है कि अगर कोई बीमार पड़ जाता है, तो हमें स्वास्थ्य केंद्र तक पहुंचने के लिए मरीज को चार से पांच किलोमीटर पैदल ले जाना पड़ता है और कई लोग मर चुके हैं क्योंकि उन्हें समय पर इलाज नहीं मिल पाया।”
कुमार ने कहा कि आजादी को 76 साल हो गए हैं लेकिन अभी भी हमारा गांव सड़क जैसी बुनियादी सुविधाओं का इंतजार कर रहा है। उन्होंने कहा, “हमने वोट नहीं देने का फैसला किया है क्योंकि हमारी मांगें अनसुनी कर दी गई हैं।” उन्होंने कहा कि छात्र पढ़ाई नहीं कर पा रहे हैं क्योंकि इंटरनेट कनेक्टिविटी नहीं है और कई छात्र कोविड के कारण लॉकडाउन के दौरान स्कूल छोड़ चुके हैं।
उन्होंने दुख जताते हुए कहा, “बुनियादी सुविधाओं के अलावा, हम मांग करते हैं कि सरकारी स्कूलों की इमारतों की मरम्मत की जाए और इन स्कूलों में शिक्षकों की तैनाती की जाए। वर्तमान में, 100 छात्रों पर एक शिक्षक है।” ग्रामीणों ने कहा कि यदि उनकी मांगें पूरी नहीं की गईं तो वे भविष्य में आंदोलन शुरू करेंगे।