December 13, 2024
Himachal

ग्रामीणों ने न्यूगल नदी में नए खनन स्थलों की प्रस्तावित नीलामी का विरोध किया

Villagers protest against proposed auction of new mining sites in Newgal River

थुरल और उसके आस-पास की पंचायतों के ग्रामीणों ने कांगड़ा के डिप्टी कमिश्नर हेम राज बैरवा से अपील की है कि धीरा सब डिवीजन की न्यूगल नदी और अन्य नालों में खनन स्थलों की प्रस्तावित नीलामी पर रोक लगाई जाए। उन्होंने डिप्टी कमिश्नर से कहा कि अगर खनन विभाग को इन स्थलों की नीलामी की अनुमति दी गई तो इससे अवैध खनन को बढ़ावा मिलेगा। इससे क्षेत्र में जलापूर्ति योजनाओं और पुलों के अस्तित्व को भी गंभीर खतरा पैदा होगा।

खनन विभाग ने पिछले मानसून के दौरान बहकर आए रेत और पत्थरों के निपटान के लिए थुरल की नदियों और नालों में साइटों की नीलामी के लिए हाल ही में अधिसूचना जारी की है। एसडीएम धीरा सलीम अजम ने खनन अधिकारी और हिमाचल प्रदेश लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों के साथ नीलामी की प्रक्रिया में तेजी लाने के लिए थुरल और अन्य क्षेत्रों के पास विभिन्न खनन साइटों का दौरा किया। हालांकि, साइटों के निरीक्षण के दौरान आईपीएच विभाग का कोई भी अधिकारी मौजूद नहीं था।

ग्रामीणों ने कहा कि अगर इन जगहों की नीलामी की गई तो खनन माफिया को इन नालों तक पहुंच मिल जाएगी, जिससे खनन गतिविधियों के लिए रास्ते खुल जाएंगे। माफिया प्रकृति के साथ खिलवाड़ करेंगे, इसलिए खनन विभाग को अपना फैसला वापस लेना चाहिए।

हालांकि, खनन विभाग के प्रवक्ता ने ट्रिब्यून से बात करते हुए दावा किया कि नीलामी पूरी होने के बाद इन साइटों से उठाई जाने वाली सामग्री की मात्रा अधिसूचित की जाएगी। हालांकि, ग्रामीणों ने कहा कि इन साइटों की नीलामी के बाद कोई रोक नहीं होगी और खनन माफिया को राज्य की समृद्ध प्राकृतिक संपदा को लूटने का लाइसेंस मिल जाएगा।

पत्रकारों से बात करते हुए बथान पंचायत के उपप्रधान सतपाल ने बताया कि यह बात रिकॉर्ड में है कि पिछले साल अगस्त में खनन विभाग ने थुरल के पास एक जगह की नीलामी की थी। किसी भी तरह की जांच के अभाव में माफिया ने वन भूमि, स्थानीय नालों में गहरी खाइयां खोद दीं और प्राकृतिक संसाधनों के साथ खिलवाड़ किया। खनन और लोक निर्माण विभाग को बार-बार शिकायत करने के बावजूद माफिया के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई।

थुरल क्षेत्र में ‘सेव न्यूगल सेव एनवायरनमेंट’ अभियान चलाने वाले अश्वनी गौतम और अन्य पर्यावरणविदों ने कहा कि अगर खनन विभाग को नदियों और नालों में इन साइटों की नीलामी की अनुमति दी गई, तो इससे बड़े पैमाने पर पर्यावरण का नुकसान होगा, साथ ही न्यूगल नदी के तल में एशियाई विकास बैंक (एडीबी) की सहायता से बनाई जा रही जलापूर्ति योजना को भी खतरा होगा। न्यूगल नदी से पानी उठाने के लिए इस जलापूर्ति योजना के लिए एडीबी ने 113 करोड़ रुपये मंजूर किए हैं। उन्होंने इस मामले में मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू से हस्तक्षेप करने की मांग की।

गौतम ने कहा कि साइटों की नीलामी से पहले एसडीएम और खनन विभाग को स्थानीय निवासियों, विशेषज्ञों, पंचायतों और अन्य हितधारकों को विश्वास में लेना चाहिए। साइटों की नीलामी की अनुमति देने से पहले उन्हें विशेषज्ञों की राय भी लेनी चाहिए।

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