प्राकृतिक आपदाओं से प्रभावी तरीके से निपटने के लिए स्वयंसेवकों को तैयार करने के लिए तीन दिवसीय प्रशिक्षण एवं जागरूकता कार्यशाला मंडी जिले के गोहर स्थित एसडीएम कार्यालय परिसर में संपन्न हो गई।
21 से 23 अप्रैल तक आयोजित कार्यशाला गोहर के एसडीएम लक्ष्मण कनेट की अध्यक्षता में आयोजित की गई। स्वयंसेवकों को संबोधित करते हुए एसडीएम ने सामुदायिक तैयारी के महत्व तथा प्राकृतिक आपदाओं के दौरान स्वयंसेवकों की महत्वपूर्ण भूमिका पर जोर दिया।
उन्होंने कहा कि कार्यशाला का प्राथमिक उद्देश्य स्वयंसेवकों को व्यापक प्रशिक्षण प्रदान करना है ताकि वे आवश्यक सुरक्षा प्रोटोकॉल का पालन करते हुए बचाव कार्यों में सहायता कर सकें और आपात स्थिति के दौरान प्राथमिक उपचार दे सकें।
अग्निशमन अधिकारी पुरुषोत्तम राम ने अग्नि सुरक्षा पर एक सत्र का नेतृत्व किया। उन्होंने आग लगने की दुर्घटनाओं के प्रमुख कारणों पर चर्चा की, जिसमें घरेलू शॉर्ट सर्किट, रसोई में दुर्घटनाएं, हीटिंग उपकरणों की खराबी, धूम्रपान सामग्री, गैस सिलेंडर लीक और जंगल की आग शामिल हैं। उन्होंने प्रतिभागियों से आग्रह किया कि वे आग लगने की स्थिति में तुरंत 101 पर अग्निशमन विभाग को सूचित करें।
सत्र के दौरान, स्वयंसेवकों को आपातकालीन प्रतिक्रिया कार्यों में उपयोग किए जाने वाले विभिन्न बचाव उपकरणों से भी परिचित कराया गया। खाना पकाने के सिलेंडर से गैस रिसाव को कैसे संभालना है और अग्निशामक यंत्रों को प्रभावी ढंग से कैसे चलाना है, इस पर प्रदर्शन भी किए गए।
कार्यशाला के दूसरे दिन स्वास्थ्य विभाग और होमगार्ड के विशेषज्ञों ने स्वयंसेवकों को आपदाओं के दौरान उनकी भूमिका और जिम्मेदारियों, विशेषकर चिकित्सा सहायता प्रदान करने और सार्वजनिक सुरक्षा बनाए रखने के बारे में जानकारी दी।
यह कार्यशाला सामुदायिक स्तर पर आपदा तैयारी को मजबूत करने तथा स्वयंसेवकों को संकट के समय कुशलतापूर्वक प्रतिक्रिया करने के लिए व्यावहारिक ज्ञान और उपकरणों से लैस करने की एक महत्वपूर्ण पहल थी।
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