रोहतक और झज्जर जिलों में विधानसभा चुनावों में राज्य के औसत 67.90 प्रतिशत से थोड़ा कम मतदान दर्ज किया गया है। शनिवार को झज्जर में मतदान के बाद ईवीएम को स्ट्रांग रूम में ले जाते अधिकारी। फोटो: सुमित थारन दोनों जिलों के शहरी क्षेत्रों में मतदाताओं ने फिर से अपने मताधिकार का प्रयोग करने के प्रति कम उत्साह दिखाया। ताजा अपडेट के अनुसार, रोहतक जिले के चार विधानसभा क्षेत्रों में औसतन 66.73 प्रतिशत मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया, जबकि झज्जर में समान निर्वाचन क्षेत्रों में औसतन 65.69 प्रतिशत मतदान हुआ।
दोनों जिलों की सभी आठ विधानसभा सीटों में सबसे कम मतदान रोहतक में हुआ, जहां मात्र 59.96 प्रतिशत मतदाता ही मतदान करने मतदान केंद्र पहुंचे। यहां कांग्रेस और भाजपा के उम्मीदवार सीधे मुकाबले में हैं। इस विधानसभा क्षेत्र में कोई गांव नहीं है। 2019 में हुए विधानसभा चुनाव में रोहतक में 60.7 प्रतिशत मतदान हुआ था।
इसी तरह, अन्य तीन विधानसभा क्षेत्रों में भी पिछले चुनावों की तुलना में कम मतदान हुआ है। इस चुनाव में कलानौर (रिजर्व) में 65.86 प्रतिशत मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया, जबकि 2019 में यह आंकड़ा 67.3 प्रतिशत था। रोहतक जिले में सबसे अधिक मतदान महम में 74.12 प्रतिशत रहा, जबकि पिछले विधानसभा चुनाव में यह 76.4 प्रतिशत था। गढ़ी सांपला किलोई में इस बार 67.02 प्रतिशत मतदान हुआ, जबकि 2019 में यह 73.3 प्रतिशत था।
झज्जर विधानसभा क्षेत्र में कुल 64.27 प्रतिशत, बादली में 70.02 प्रतिशत, बहादुरगढ़ में 64.47 प्रतिशत और बेरी विधानसभा क्षेत्र में 64.37 प्रतिशत मतदान हुआ है। स्थानीय और अन्य मुद्दों के साथ सत्ता विरोधी लहर के कारण दोनों जिलों में सत्तारूढ़ भाजपा के लिए यह उतार-चढ़ाव भरा सफर प्रतीत होता है। 2019 में हुए विधानसभा चुनावों में कांग्रेस ने दोनों जिलों की आठ में से सात सीटों पर जीत हासिल की थी, जबकि उस समय महम से एक निर्दलीय उम्मीदवार विजयी हुआ था।
रोहतक को हरियाणा की राजनीतिक राजधानी माना जाता है और यह पूर्व मुख्यमंत्री और पांच बार विधायक रहे भूपेंद्र सिंह हुड्डा का गढ़ है, जो गढ़ी-सांपला किलोई विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ रहे हैं।
भाजपा के राष्ट्रीय सचिव ओम प्रकाश धनखड़ और पूर्व मंत्री मनीष कुमार ग्रोवर क्रमश: बादली (झज्जर) और रोहतक में कांग्रेस उम्मीदवारों कुलदीप वत्स और भारत भूषण बत्रा के साथ कड़े मुकाबले में हैं।
चार बार की विधायक और पूर्व शिक्षा मंत्री गीता भुक्कल कांग्रेस उम्मीदवार के तौर पर झज्जर (आरक्षित) विधानसभा क्षेत्र से अपना भाग्य आजमा रही हैं। इसी तरह हरियाणा विधानसभा के पूर्व अध्यक्ष और वरिष्ठ कांग्रेस नेता डॉ. रघुवीर सिंह कादियान झज्जर जिले की बेरी विधानसभा सीट से चुनाव मैदान में हैं।