पंजाब में आम आदमी पार्टी को नया प्रदेश अध्यक्ष मिलने की संभावना है। वैसे तो पार्टी के संगठनात्मक ढांचे में बदलाव की चर्चा पिछले काफी समय से चल रही है, लेकिन रविवार को चब्बेवाल और डेरा बाबा नानक में प्रचार के दौरान सीएम भगवंत मान ने भी इसकी पुष्टि की।
उन्होंने कहा, “दो पदों पर रहने से सीएम के तौर पर काम करने का दबाव बढ़ जाता है। अगर मैं प्रदेश अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दूं तो यह उचित होगा ताकि मैं पंजाब के सीएम के तौर पर अपनी भूमिका पर पूरी तरह ध्यान केंद्रित कर सकूं।” मान को जनवरी 2019 में आप का प्रदेश अध्यक्ष नियुक्त किया गया था। मार्च 2022 में सीएम बनने के बाद से वह दोहरी जिम्मेदारी संभाल रहे हैं।
शीर्ष नेतृत्व एक युवा, अधिमानतः हिंदू, नेता को लाने पर विचार कर रहा है। पार्टी सूत्रों ने द ट्रिब्यून को बताया कि नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री अमन अरोड़ा के नाम पर विचार किया जा रहा है। चूंकि आप ने पहले ही छह दलित मंत्रियों को नियुक्त किया है, इसलिए पार्टी अपनी सामाजिक इंजीनियरिंग के तहत, समुदाय के एक सदस्य को राज्य प्रमुख नियुक्त करके हिंदू मतदाताओं को लुभाने के लिए उत्सुक है।
पिछले साल भी नए पार्टी अध्यक्ष की नियुक्ति की चर्चा थी, लेकिन मान ने अपनी बात मनवा ली थी और बुधलाडा विधायक बुध राम को मान के साथ राज्य का कार्यकारी अध्यक्ष नियुक्त किया गया था।
मान का यह बयान उस दिन आया है जब वे दिल्ली से लौटे हैं, जहां उन्होंने पार्टी के शीर्ष नेताओं से मुलाकात की थी। इससे न केवल यह संकेत मिलता है कि अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व वाली आप पार्टी पार्टी के संगठन को शासन से अलग रखने पर विचार कर रही है, बल्कि इसे पार्टी के संगठनात्मक ढांचे में नई जान फूंककर 2027 के पंजाब चुनावों की तैयारी की दिशा में एक कदम भी माना जा रहा है।
हाल ही में द ट्रिब्यून को दिए गए इंटरव्यू में पार्टी के महासचिव हरचंद सिंह बरसात ने भी पार्टी की राज्य इकाई में बदलाव के संकेत दिए थे। उन्होंने कहा था, “बदलाव हमेशा बेहतर होता है, हालांकि यह राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल का विशेषाधिकार है।”