नई दिल्ली, 15 अक्टूबर । वक्फ (संशोधन) विधेयक- 2024 पर विचार करने के लिए मंगलवार को बुलाई गई जेपीसी की बैठक में सत्ता पक्ष और विपक्ष के सांसदों के बीच जोरदार हंगामा देखने को मिला। विपक्षी सांसदों ने सत्ता पक्ष के सांसदों के रवैए पर सवाल उठाते हुए बैठक से वॉकआउट तक कर दिया। हालांकि, कुछ समय बाद विपक्षी सांसद दोबारा से जेपीसी की बैठक में शामिल हो गए।
इस बीच, जेपीसी में शामिल विपक्षी सांसदों ने मंगलवार को लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को पत्र लिखकर जेपीसी की बैठक के दौरान संसदीय आचार संहिता के घोर उल्लंघन की शिकायत भी की।
विपक्षी सांसदों ने स्पीकर बिरला को लिखे पत्र में यह आरोप लगाया है कि जेपीसी चेयरमैन जगदंबिका पाल ने 14 अक्टूबर को हुई समिति की बैठक के दौरान संसदीय आचार संहिता और नियमों का घोर उल्लंघन किया है।
विपक्षी सांसदों ने सोमवार को हुई जेपीसी की बैठक में कर्नाटक राज्य अल्पसंख्यक आयोग के पूर्व अध्यक्ष अनवर मणिप्पाडी द्वारा राज्यसभा में नेता विपक्ष एवं कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे पर लगाए गए आरोपों का जिक्र करते हुए पाल पर नियमों के खिलाफ जाकर उन्हें बोलने देने की इजाजत देने और विपक्षी सांसदों को इन आरोपों का जवाब देने के लिए समुचित समय नहीं देने का आरोप लगाया।
विपक्षी सांसदों ने लोकसभा स्पीकर से तुरंत हस्तक्षेप कर, जेपीसी चेयरमैन को नियमों की याद दिलाने का भी अनुरोध किया।
मंगलवार को जेपीसी की बैठक में केंद्रीय अल्पसंख्यक मंत्रालय के अधिकारियों द्वारा दिए जा रहे प्रेजेंटेशन के दौरान विपक्ष और सत्ता पक्ष के सांसदों के बीच जोरदार बहस हो गई। विपक्षी सांसद गौरव गोगोई एवं कल्याण बनर्जी की भाजपा सांसद निशिकांत दुबे, दिलीप सैकिया एवं अभिजीत गंगोपाध्याय के साथ तीखी बहस हुई।
विपक्षी सांसदों ने अपशब्दों का प्रयोग करने का आरोप लगाते हुए बैठक से वॉकआउट कर दिया। हालांकि, कुछ समय बाद विपक्षी सांसद दोबारा से जेपीसी की बैठक में शामिल हो गए।