क्षेत्र के प्रमुख बांधों में जल प्रवाह तथा उनसे होने वाले जल प्रवाह में काफी कमी आई है, जबकि पंजाब और हिमाचल प्रदेश में सरकार तथा लोग भारी वर्षा तथा बाढ़ के कारण राज्य के कुछ भागों में हुई तबाही से जूझ रहे हैं।
बुधवार दोपहर 2 बजे पौंग बांध का जलस्तर 1390.33 फीट दर्ज किया गया, जो स्वीकार्य सीमा से कुछ इंच ही ऊपर था। भारी बारिश के दौरान यह खतरे के निशान से तीन फीट ऊपर था।
हिमाचल प्रदेश में ब्यास नदी पर स्थित पोंग नदी से आने वाला पानी और बाहर जाने वाला पानी 34,883 क्यूसेक था। पिछले दो हफ़्तों में बाढ़ के चरम काल में, पानी का प्रवाह 2.20 लाख क्यूसेक तक पहुँच गया था, जबकि बाहर जाने वाला पानी लगभग एक लाख क्यूसेक था।
हिमाचल प्रदेश में सतलुज नदी पर बने भाखड़ा बांध का जलस्तर बुधवार दोपहर 1,677.02 फीट था, जो स्वीकार्य सीमा से तीन फीट ऊपर था। पानी का अंतर्वाह 40,666 क्यूसेक था, जबकि बहिर्वाह 50,000 क्यूसेक पर बना हुआ था।
उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार, पिछले 10 वर्षों में, सितम्बर माह के दौरान औसत जल-निस्सरण भाखड़ा में 16,781 क्यूसेक से 32,351 क्यूसेक के बीच रहा है, जबकि पौंग में यह 9,622 क्यूसेक से 14,157 क्यूसेक के बीच रहा है।