लगातार बारिश के बाद कल शाम शिमला-कुनिहार रामशहर-नालागढ़ मार्ग पर कुमारहट्टी गांव में पानी जमा होने के कारण बनी लगभग 60 फुट की कृत्रिम झील से पानी धीरे-धीरे कम होने पर ग्रामीणों ने राहत की सांस ली।
मंगलवार रात को भारी बारिश के बाद क्षेत्र में भारी मात्रा में पानी जमा हो जाने के बाद नालागढ़ प्रशासन ने अलर्ट जारी कर दिया था। कल दिन में भी क्षेत्र में बारिश जारी रहने के कारण प्रशासन को डर था कि कल शाम अचानक पानी छोड़े जाने से निकटवर्ती क्षेत्र में बाढ़ आ सकती है।
यह स्थिति लगभग 300 मीटर तक फैले बड़े भू-धंसाव के कारण उत्पन्न हुई थी, जिससे सड़क पर भारी मात्रा में मलबा और पत्थर बहकर आने से वाहनों की आवाजाही भी बाधित हो गई थी। वाहन चालकों को अपने गंतव्य तक पहुँचने के लिए मित्तन-मेथा-गोल जमाला-नालागढ़ मार्ग से चक्कर लगाना पड़ा। लोक निर्माण विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि 2023 के मानसून में इसी तरह की बाधा उत्पन्न होने के बाद बनाई गई एक अस्थायी सड़क भी मूसलाधार बारिश में बह गई।
ग्राम पंचायत कोएडी बारियां के निकटवर्ती गांवों कोडी, बांसाई, रडयाली, राजपुरा और ढांग निचली के निवासियों को कल शाम कृत्रिम झील बनने के बाद एहतियात के तौर पर चिकनी खड्ड के पास न जाने और सतर्क रहने का निर्देश दिया गया था। प्रधान, वार्ड सदस्यों और पंचायत सचिव को जागरूकता फैलाने का काम सौंपा गया था, जबकि स्थानीय लोगों को किसी भी आपात स्थिति में आपदा हेल्पलाइन पर संपर्क करने के निर्देश दिए गए थे।
रात भर जागकर बिताने वाले निवासियों को यह देखकर बहुत दुःख हुआ कि बारिश के बाद पानी उनके खेतों में घुस आया है, जिससे उनकी खड़ी फसलें नष्ट हो गई हैं।
नालागढ़ के उप-मंडल मजिस्ट्रेट (एसडीएम) राजकुमार ने बताया कि कुमारहट्टी में पानी कम होने लगा है और अब इलाके में कोई खतरा नहीं है। भविष्य में पानी का रिसाव ठीक से हो सके, इसके लिए लोक निर्माण विभाग को सड़क से कीचड़ साफ करने के निर्देश दिए गए हैं।