लखनऊ, 28 सितंबर । समाजवादी पार्टी से सांसद आर के चौधरी ने शनिवार को विभिन्न मुद्दों पर आईएएनएस से बातचीत की। उन्होंने पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ के भारत पर दिए बयान पर कहा कि हम भारत के लोग इकठ्ठा होकर खुद को इतना मजबूत करना चाहते हैं कि चाहे दुनिया का कोई भी देश हो हमारे सामने हो उसकी तुलना में हम सबसे मजबूत दिखें।
दरअसल पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने संयुक्त राष्ट्र महासभा में कहा कि भारत जिस तरह से प्रगति कर रहा है और सैन्य शक्ति बढ़ा रहा है, उससे उन्हें चिंता हो रही है। इसी सवाल के जवाब में आर के चौधरी ने कहा कि हम भारत के लोग खुद को इतना मजबूत बनाना चाहते हैं कि चाहे दुनिया का कोई भी देश हो हमारे सामने हो उसकी तुलना में हम बेहद मजबूत नजर आएं।
इसके साथ ही उत्तर प्रदेश सरकार में मंत्री दिनेश प्रताप सिंह ने एक बयान दिया, जिसमें उन्होंने कहा है कि अधिकारी भाजपा नेताओं को ‘जी सर’ कहेंगे। इस पर जब आर के चौधरी से प्रतिक्रिया मांगी गई तो उन्होंने कहा कि, भाजपा को ऐसी गाइडलाइंस नहीं जारी करनी चाहिए। वह नेता हैं नेतागिरी करें और भाजपा को आगे बढ़ाएं। भाजपा के नेता खुद को इतनी अहमियत न दें कि उन्हें अधिकारी जी सर.. कहकर संबोधित करे।
यूपी के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने कहा था कि गिड़गिड़ाने से अपराधियों पर एक्शन नहीं रुकता है। इस सवाल के जवाब में सपा सांसद ने कहा, अगर लोग उन्हें गंभीरता से लेते तो वह चुनाव जीत जाते। चुनाव में उनकी हार क्यों हुई। केशव प्रसाद मौर्य हारे हुए खिलाड़ी हैं। उन्हें जनता पसंद नहीं करती है। लेकिन, केशव बड़ी-बड़ी बात करते हैं, यह अच्छी बात नहीं है।
अफजाल अंसारी द्वारा दिए गए बयान कि एक ट्रक गांजा भी कुंभ में भेजा जाए तो वह खत्म हो जाएगा। इस पर आर के चौधरी ने कहा, अफजाल अंसारी ने यह कहा है या नहीं, मुझे नहीं पता। लेकिन, मैं उनके बयान का समर्थन नहीं करता हूं। लेकिन, यह बात तो सही है कि अधिकतर बाबाओं को गांजा पीते हुए देखा जाता है। उन्होंने कहा बाबाओं को चाहिए कि अगर वह भक्ति मार्ग में हैं तो उन्हें नशाखोरी से परहेज करना चाहिए।
इसके साथ ही राहुल गांधी के बयान, प्रधानमंत्री जो मॉडल चला रहे हैं, उससे नौकरियां कम हो गई हैं। इसके जवाब में उन्होंने कहा, यह बात बिल्कुल सही है। क्योंकि, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने थाली पीटकर कोरोना को भगाया था। प्रधानमंत्री जो कह दें वही सही हो जाता है। पहले प्रधानमंत्री बड़ी-बड़ी बात बोलते थे, लेकिन अब वह थोड़ा झुककर बोलने लगे हैं।
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