नई दिल्ली, 27 दिसंबर। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को ‘वीर बाल दिवस’ के अवसर पर कहा कि राष्ट्र वीर साहिबजादे के अमर बलिदान का स्मरण कर रहा है। उनसे प्रेरणा ले रहा है, क्योंकि आजादी के अमृत काल में भारत के लिए वीर बाल दिवस का एक नया अध्याय आरंभ हो रहा है। यह दिन हमें स्मरण दिलाता है कि जब वीरता की पराकाष्ठा की बात आती है तो उम्र कोई मायने नहीं रखती है।
प्रधानमंत्री ने इसे सिख गुरुओं की विरासत का उत्सव बताते हुए कहा कि गुरु गोबिंद सिंह जी और उनके चार वीर साहिबजादों का साहस और आदर्श आज भी हर भारतीय का हौसला बढ़ाते हैं। प्रधानमंत्री ने बाबा मोती राम मेहरा के परिवार के बलिदान और दीवान टोडरमल के समर्पण का स्मरण करते हुए कहा कि वीर बाल दिवस उन माताओं के लिए एक राष्ट्रीय श्रद्धांजलि है जिन्होंने अद्वितीय साहस वाले वीरों को जन्म दिया।
प्रधानमंत्री ने कहा कि गुरुओं के प्रति यह सच्ची भक्ति, राष्ट्र के प्रति समर्पण की ज्वाला को प्रज्वलित करती है। प्रधानमंत्री ने प्रसन्नता जताई कि वीर बाल दिवस अब अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मनाया जा रहा है और अमेरिका, ब्रिटेन, ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड, संयुक्त अरब अमीरात तथा ग्रीस में वीर बाल दिवस से संबंधित कार्यक्रमों का अवलोकन किया गया।
प्रधानमंत्री ने चमकौर और सरहिंद की लड़ाई के अतुलनीय इतिहास को स्मरण करते हुए कहा कि इस इतिहास को भुलाया नहीं जा सकता। उन्होंने याद किया कि कैसे भारतीयों ने क्रूरता और निरंकुशता का गरिमा के साथ सामना किया। प्रधानमंत्री मोदी ने बताया कि दुनिया ने भी हमारी विरासत पर तभी ध्यान दिया जब हमने अपनी विरासत को उसका उचित सम्मान देना शुरू किया। दुनिया भारत को अवसरों की अग्रणी भूमि मान रही है। भारत अर्थव्यवस्था, विज्ञान, अनुसंधान, खेल और कूटनीति की वैश्विक समस्याओं में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है।
प्रधानमंत्री ने लाल किले से दिए अपने आह्वान को दोहराया, ‘यही समय है, सही समय है’। उन्होंने कहा कि यह भारत का समय है, अगले 25 साल भारत की क्षमताओं को प्रदर्शित करेंगे। उन्होंने पंच प्रण के अनुसरण करने और एक भी क्षण व्यर्थ न करने की आवश्यकता पर भी जोर दिया। आने वाले 25 साल हमारे युवाओं के लिए बड़े अवसर लेकर आ रहे हैं। भारत के युवा, चाहे वे किसी भी क्षेत्र या समाज में पैदा हुए हों, उनके असीमित सपने हैं। इन सपनों को पूरा करने के लिए सरकार के पास स्पष्ट रूपरेखा और स्पष्ट विज़न है।
हाल की अंतरराष्ट्रीय खेल स्पर्धाओं में भारतीय एथलीटों की सफलता को रेखांकित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि अधिकांश एथलीट ग्रामीण क्षेत्रों और मध्यमवर्गीय परिवारों से आते हैं। खिलाड़ियों ने अपनी सफलताओं का श्रेय खेलो इंडिया अभियान को दिया जो उनके घरों के पास बेहतर खेल और प्रशिक्षण सुविधाएं प्रदान करता है तथा पारदर्शी चयन प्रक्रिया सुनिश्चित करता है।
प्रधानमंत्री ने तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने के सपने का अर्थ विस्तार से बताया। उन्होंने कहा कि इससे युवाओं को सबसे अधिक लाभ होगा और इसका अर्थ बेहतर स्वास्थ्य, शिक्षा, अवसर, रोज़गार, जीवन की गुणवत्ता और उत्पादों की गुणवत्ता होगी। प्रधानमंत्री ने शारीरिक व्यायाम, डिजिटल डिटॉक्स, मानसिक फिटनेस, पर्याप्त नींद और श्री अन्ना या बाजरा को अपने आहार में शामिल करने की चुनौतियों का उल्लेख किया।