संयुक्त राष्ट्र, दुनिया में आतंकवाद को रोकने के लिए संयुक्त राष्ट्र के अवर महासचिव व्लादिमीर वोरोनकोव ने सुरक्षा परिषद के सदस्यों से अफगानिस्तान को “आतंकवाद का केंद्र” बनने से रोकने के लिए एकजुट होने का आह्वान किया है।
वोरोन्कोव ने गुरुवार को आतंकी समूह इस्लामिक स्टेट से जुड़े देशों से बाहरी देशों में आतंकी हमले होने के खतरे के बारे में चेतावनी देते हुए कहा, “अफगानिस्तान को एक बार फिर से आतंकवाद का केंद्र बनने से रोकने के लिए हमें एकजुट होना चाहिए।”
उनकी यह टिप्पणी इस्लामिक स्टेट इन इराक एंड लेवांट (आईएसआईएल) के खतरे पर महासचिव एंटोनियो गुटेरेस की रिपोर्ट पर सुरक्षा परिषद को जानकारी देते हुए आई।
वोरोन्कोव ने आतंकवादी समूह आईएसआईएस के मध्य एशियाई सहयोगी, आईएसआईएल-खुरासान के आर्थिक तौर पर और अधिक मजबूत होने पर फिक्र जाहिर करते हुए कहा, “पिछले छह महीनों में अपनी वित्तीय और रसद क्षमताओं में सुधार किया है”।
उन्होंने आगे कहा, आईएसआईएल, दाएश (अरबी में इसका संक्षिप्त नाम) और आईएसआईएस के नाम से भी जाना जाता है, “वह अफगान और मध्य एशियाई प्रवासियों का उपयोग कर सहयोग ले” अपनी पहुंच इलाके में बढ़ा रहा है।
उन्होंने कहा, “अफगानिस्तान में दाएश और अन्य आतंकवादी समूहों की गतिविधि हमारे लिए महत्वपूर्ण चिंता का विषय बनी हुई हैं। हमें अफगानिस्तान को एक बार फिर आतंकवाद का केंद्र बनने से रोकने के लिए एकजुट होना चाहिए।”
उन्होंने कहा, “अफगानिस्तान से उत्पन्न होने वाले खतरे का मुकाबला करने और उसके प्रसार को रोकने के लिए पड़ोसी देशों के प्रयास बहुत महत्वपूर्ण हैं”।
वोरोन्कोव ने कहा कि दाएश अफ्रीका में एक बड़े खतरे के रूप में उभर रहा है, जहां इसके दो सहयोगियों ने अपने संचालन क्षेत्रों का विस्तार मजबूती से कर लिया है।
उन्होंने सवाल किया, “क्या इन समूहों को उत्तरी तटीय राज्यों में अपना प्रभाव बढ़ाना चाहिए? माली से उत्तरी नाइजीरिया तक फैला एक विशाल क्षेत्र उनके नियंत्रण में आ सकता है।”
बैठक की अध्यक्षता करने वाले सिएरा लियोन के स्थायी प्रतिनिधि माइकल इमरान कानू ने कहा, “हम महासचिव एंटोनियो गुटेरेस आतंकवादी समूहों के निरंतर विस्तार से चिंतित हैं। उन्हें लगता है कि इससे पूरे पश्चिम अफ्रीका में अस्थिरता पैदा होगी।”
उन्होंने कहा कि पहले से ही उत्तर पश्चिम नाइजीरिया अस्थिरता के दौर से गुजर रहा है।
उन्होंने कहा, “नेतृत्व में गिरावट और वित्तीय असफलताओं का सामना करने के बावजूद, दाएश और उसके सहयोगियों ने आतंकवादी हमले करने और ऑपरेशन के क्षेत्रों से परे खतरे को प्रोजेक्ट करने की अपनी क्षमता बरकरार रखी है”।
काउंटर-टेररिज्म कमेटी के कार्यकारी निदेशालय (सीटीईडी) के कार्यकारी निदेशक नतालिया घर्मन ने कहा कि सभी सदस्य राष्ट्रों और संयुक्त राष्ट्र एजेंसियों और क्षेत्रीय और उप-क्षेत्रीय समूहों के एक साथ काम करने का “एक संयुक्त राष्ट्र दृष्टिकोण” हमारे सामान्य प्रयासों में महत्वपूर्ण है। सभी रूपों और अभिव्यक्तियों में आतंकवाद का प्रभावी ढंग से मुकाबला करें”।
चीन ने- जो पाकिस्तान में मौजूद लश्कर-ए-तैयबा के नेता साजिद मीर जैसे कुछ आतंकवादियों को प्रतिबंधों से राहत पहुंचा रहा है बैठक में दोहरे मापदंडों की बात की। उसके स्थायी प्रतिनिधि गेंग शुआंग ने अपनी राय रखी।
शुआंग ने कहा, “सभी देशों को सामान्य सुरक्षा की अवधारणा को कायम रखना चाहिए, वैचारिक पक्षपात को छोड़ देना चाहिए, आतंकवाद विरोधी प्रयासों में दोहरे मानकों या चयनात्मकता को खत्म करके प्रत्येक देश की सुरक्षा का प्रभावी ढंग से सम्मान और रक्षा करनी चाहिए।”
इसके बाद वह आगे कहते हैं, “आतंकवाद का मुकाबला दुनिया की बड़ी शक्तियों की प्रतिद्वंद्विता, भू-राजनीति में सौदेबाजी का साधन या अन्य देशों के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप का बहाना नहीं बनना चाहिए।”
अमेरिका-रूस में आपसी प्रतिद्वंद्विता तब अजीब तरीके से सामने आई, जब बैठक में मॉस्को के पास क्रोकस म्यूजिक हॉल में आतंकवादी हमले का मुद्दा उठा, जिसमें इस साल लगभग 145 लोग मारे गए थे।
संयुक्त राष्ट्र में वाशिंगटन के वैकल्पिक प्रतिनिधि रॉबर्ट वुड ने कहा, “संयुक्त राज्य अमेरिका आईएसआईएस-खुरासान की अफगानिस्तान के बाहर हमले करने की क्षमता के बारे में महासचिव की चिंता को साझा करते हैं, जैसा कि हमने 3 जनवरी को करमान (ईरान में) में हुए आतंकवादी हमलों में देखा था।
हालाँकि, रूस के संयुक्त राष्ट्र मिशन के प्रभारी दिमित्री पोलांस्की ने कहा कि जब तक कि आधिकारिक जांच समाप्त न हो जाए तब तक मॉस्को आतंकवादी हमले को “विशेष रूप से आईएसआईएल और उसके विंग ‘आईएसआईएस-खोरासान’ से जोड़ने के खिलाफ था।
उन्होंने कहा, “कभी-कभी हमें ऐसा लगता है कि कुछ लोग इस आतंकवादी हमले के बारे में उन लोगों से अधिक जानते हैं जो इसकी जांच कर रहे हैं।”
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