संभल, 26 दिसंबर । उत्तर प्रदेश के संभल में गुरुवार को जामा मस्जिद से करीब 200 मीटर की दूरी पर एक कूप (कुआं) मिला है। स्थानीय लोगों का दावा है कि इसी कूप में स्नान करके लोग हरिहर मंदिर में पूजा करने जाते थे।
एक स्थानीय व्यक्ति योगेश्वर का कहना है कि इस कूप का नाम मृत्यु कूप है। इसका वर्णन पुराणों में भी मिलता है। इसका जिक्र संभल के इतिहास में आता है। ये ब्रह्मा जी द्वारा बनाया गया कूप है। यह भगवान ब्रह्मा द्वारा निर्मित 19 कुओं में से एक है। इसमें लगभग 20 साल पहले तक पानी था। लोग पहले स्नान करने हरिहर मंदिर में पूजा करने जाते थे और इसका स्वच्छ और निर्मल जल भगवान को चढ़ाया करते थे। हमारे पूर्वजों ने बताया है कि यहां पर महादेव का मंदिर है। अगर इस क्षेत्र की खुदाई कराई जाए तो सब सच सामने आ जाएंगे।
वेद प्रकाश चहल ने बताया कि पहले हम यहां आते थे और कुएं से पानी लाते थे। हालांकि कुछ परिस्थितियों और उदासीनता के कारण लोगों ने इसका उपयोग करना बंद कर दिया लेकिन अब प्रशासन और योगी सरकार के प्रयासों से हमारी विरासत के पुनरुद्धार पर जो काम हो रहा है, उसके लिए हम उनका हार्दिक आभार जताते है।
उन्होंने आगे कहा कि मेरा यही कहना है कि यह क्षेत्र एक धार्मिक स्थल है और इसका जीर्णोद्धार होना चाहिए। यहां बीते दिनों एक नल लगाया गया था, जिसे किसी कारणवश अगले दिन उखाड़ दिया गया। मेरा कहना है कि हिंदू मोहल्ले के अंदर ये विवादित जगह कैसे पैदा हो गई। हम लोगों के धार्मिक स्थल पर वक्फ बोर्ड कहां से पैदा हो गया। इसे महामृत्युंजय कूप के नाम से जाना जाता है।
मौके पर अभी खुदाई का कार्य जारी है। यह कूप संभल सदर के सरथल चौकी इलाके में मिला है। इसे ‘मृत्यु का कुआं’ भी कहा जाता है। इससे पहले, चंदौसी के लक्ष्मणगंज में बावड़ी मिली थी, जिसकी खुदाई पिछले पांच दिनों से जारी है। इस बावड़ी को सदियों पुराना बताया जाता है।