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हिंदू त्योहारों को रोकने के लिए बहाने बनाती हैं पश्चिम बंगाल सरकार : दिलीप घोष

West Bengal government makes excuses to stop Hindu festivals: Dilip Ghosh

कलकत्ता हाई कोर्ट ने पश्चिम बंगाल में हिंदू संगठनों को कुछ शर्तों के साथ रामनवमी के दिन जुलूस निकालने की अनुमति दी है। इस मुद्दे पर भाजपा नेता दिलीप घोष की प्रतिक्रिया आई है। उन्होंने कहा कि पुलिस और प्रशासन जब मौजूद होते हैं, तो हिंदू त्योहारों के दौरान समस्याएं क्यों पैदा होती हैं?

भाजपा नेता दिलीप घोष ने आईएएनएस से बात करते हुए कहा, “यह सरकार और पुलिस हिंदू त्योहारों को रोकने के लिए तरह-तरह के बहाने बनाती हैं। अगर कोई गड़बड़ी होती है, तो जुलूस की इजाजत नहीं दी जाएगी, लेकिन गड़बड़ी आप ही पैदा करते हैं। जब पुलिस और प्रशासन मौजूद होते हैं, तो हिंदू त्योहारों के दौरान समस्याएँ क्यों पैदा होती हैं? इसलिए वे बहाने लेकर कोर्ट में जाते हैं। बंगाल जैसा निकम्मापन पुलिस का कहीं भी नहीं है। उन्हें बहाना बंद कर देना चाहिए। हिंदू समाज कानून के दायरे में रहकर ही अपने कार्यक्रम का आयोजन करता है।”

वक्फ को लेकर उन्होंने कहा, “अब वक्फ बिल कानून बन गया है। धारा 370 के हटने के बाद भी कुछ लोग कोर्ट गए थे, मगर वहां क्या हुआ, ये सब जानते हैं। इसलिए जो संसद में पारित हुआ है, वह कानून बन गया है। मुझे लगता है कि वे (विपक्ष) अपने लोगों को खुश करने के लिए कोर्ट का रुख कर रहे हैं।”

कलकत्ता हाई कोर्ट ने शुक्रवार को हिंदू संगठनों को कुछ शर्तों के साथ रामनवमी के दिन जुलूस निकालने की अनुमति दे दी है। हाई कोर्ट ने रामनवमी के दिन निकलने वाले जुलूस में हथियार ले जाने की अनुमति नहीं दी है। साथ ही, जुलूस में भाग लेने वाले लोगों को पुलिस और प्रशासन के पास अपना पहचान पत्र जमा करना होगा। इन शर्तों के साथ हाई कोर्ट ने हावड़ा में अंजनी पुत्र सेना और विश्व हिंदू परिषद के रामनवमी जुलूस को अनुमति दे दी है।

न्यायमूर्ति तीर्थंकर घोष की अध्यक्षता में कलकत्ता हाई कोर्ट ने अंजनी पुत्र सेना और विश्व हिंदू परिषद को सुरक्षा के लिहाज से अलग-अलग समय पर जुलूस निकालने का आदेश दिया है। इसके साथ ही, जुलूस में लोगों की संख्या को भी सीमित कर दिया गया है।

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