पश्चिम बंगाल शिक्षक भर्ती घोटाले से जुड़े मामले में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के खिलाफ दायर अवमानना याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में सोमवार को सुनवाई टल गई है। कोर्ट ने इस मामले की अगली सुनवाई 4 हफ्ते बाद निर्धारित की है।
याचिकाकर्ता ने कोर्ट को बताया कि इस अवमानना मामले में अभी अटॉर्नी जनरल से सहमति मिलने का इंतजार है, इसलिए सुनवाई को स्थगित करने की मांग की गई, जिसे कोर्ट ने स्वीकार कर लिया।
यह याचिका आत्मदीप नाम की संस्था ने दायर की है। याचिका में आरोप लगाया गया है कि पश्चिम बंगाल सरकार सुप्रीम कोर्ट के आदेशों की अवहेलना कर रही है। कोर्ट ने शिक्षक भर्ती घोटाले में भ्रष्टाचार के चलते कई शिक्षकों की नियुक्तियां रद्द करने का आदेश दिया था, लेकिन ममता बनर्जी की सरकार ने इस आदेश का पालन नहीं किया।
याचिका में दावा किया गया कि ममता बनर्जी ने 7 अप्रैल 2025 को अपने भाषण में ऐसी बातें कही थीं जो सुप्रीम कोर्ट की गरिमा को ठेस पहुंचाने वाली थीं। इसके अलावा, ममता बनर्जी ने कोर्ट के आदेश को नजरअंदाज करते हुए ग्रुप सी और ग्रुप डी के कर्मचारियों को मासिक वेतन देने की नीति बनाई।
पश्चिम बंगाल में शिक्षक भर्ती घोटाला लंबे समय से चर्चा में रहा है। इस घोटाले में बड़े पैमाने पर अनियमितताओं और भ्रष्टाचार के आरोप सामने आए हैं, जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने कई नियुक्तियों को रद्द करने का आदेश दिया था।
सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले की गंभीरता को देखते हुए सुनवाई को चार हफ्ते बाद के लिए टाल दिया। सुप्रीम कोर्ट ने ममता बनर्जी के खिलाफ आपराधिक अवमानना की मांग वाली याचिका पर सुनवाई करते हुए अदालत के समक्ष मामलों का राजनीतिकरण न करने की चेतावनी दी।
भारत के मुख्य न्यायाधीश (सीजेआई) बीआर गवई, जस्टिस के विनोद चंद्रन और जस्टिस एनवी अंजारिया की पीठ शिक्षक भर्ती घोटाला मामले की सुनवाई कर रही है।
—
Leave feedback about this