January 20, 2025
National

कांग्रेस के पास ‘वन नेशन, वन इलेक्शन’ का विरोध करने के पीछे ठोस कारण क्या : किरेन रिजिजू

What concrete reason does Congress have for opposing ‘One Nation, One Election’: Kiren Rijiju

नई दिल्ली, 17 दिसंबर । संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने मंगलवार को ‘वन नेशन, वन इलेक्शन’ को लेकर अपनी बात रखी। उन्होंने कहा कि मौजूदा समय में आज यह एक गंभीर चर्चा का विषय बन चुका है। लेकिन, इसे लेकर मौजूदा समय में मतभेद देखने को मिल रहे हैं। खासकर कांग्रेस लगातार विरोध कर रही है। मगर, सवाल यह है कि उसके विरोध के पीछे ठोस कारण क्या है?

आईएएनएस से बातचीत में मंत्री ने कहा, “कांग्रेस पार्टी का यह कहना है कि ” वन नेशन, वन इलेक्शन” से भारतीय संविधान और हमारे संघीय ढांचे को नुकसान पहुंचेगा। उनका तर्क है कि अगर देश में एक साथ चुनाव होंगे, तो विभिन्न राज्यों के विशेष मुद्दे और उनकी स्थानीय राजनीति पर असर पड़ सकता है। लेकिन क्या यह तर्क सही है? अगर हम इतिहास की ओर देखें, तो स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद के पहले दो दशकों में भारत में एक साथ चुनाव होते थे। उस समय देश में नेहरू जी की अगुवाई में कांग्रेस की सरकार थी, और तब क्या यह प्रक्रिया संविधान विरोधी थी? अगर नहीं, तो आज कांग्रेस द्वारा इस मुद्दे पर उठाए गए सवाल क्या वास्तव में सही हैं?”

उन्होंने आगे कहा, “कांग्रेस पार्टी को यह स्पष्ट करना चाहिए कि जब उन्होंने सत्ता में रहते हुए एक साथ चुनाव कराए थे, तो क्या वह संविधान के खिलाफ था? क्या तब देश का संघीय ढांचा प्रभावित हुआ था? इस तरह के सवालों के बिना कांग्रेस का विरोध करना एक तरह से राजनीति से प्रेरित लगता है, क्योंकि इतिहास में ऐसा कुछ नहीं हुआ जो इस बदलाव को संविधान के खिलाफ साबित कर सके।”

उन्होंने कहा, “अब यह भी सवाल उठता है कि क्या कांग्रेस पार्टी ने देश के विकास के लिए पर्याप्त योगदान दिया है? कांग्रेस ने देश में शासन किया है। लेकिन, कई दशकों तक सत्ता में रहने के बावजूद देश की स्थिति में सुधार के बजाय गरीब राष्ट्र का दर्जा बना रहा। अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश एक नए दिशा में बढ़ रहा है और विकास की ओर अग्रसर हो रहा है, तो क्या कांग्रेस को इस बदलाव के रास्ते में बाधा डालनी चाहिए? क्या यह सही होगा कि वे सिर्फ राजनीति के कारण इस तरह के सकारात्मक कदमों का विरोध करें?”

उन्होंने कहा, “देश के अधिकांश नागरिक आज “वन नेशन, इलेक्शन” के पक्ष में हैं और अगर कांग्रेस पार्टी इस मुद्दे पर खड़ी होती है, तो यह केवल सरकार की नीति के खिलाफ एक राजनीतिक कदम के रूप में ही दिखेगा। कांग्रेस को यह समझना चाहिए कि इस बदलाव के लिए समर्थन करना चाहिए, ताकि भारत का भविष्य और मजबूत हो सके।”

उन्होंने आगे कहा, “यह मुद्दा संसद में चर्चा का विषय बनेगा और इस पर विस्तृत विमर्श होगा, लेकिन फिलहाल कांग्रेस पार्टी को यह याद रखना चाहिए कि वे खुद उन्हीं दशकों में सत्ता में थे जब एक साथ चुनाव होते थे। क्या उस समय की सरकारें अवैध थीं? अगर नहीं, तो आज उनका विरोध क्यों? यही सवाल जनता के मन में उठता है।”

उन्होंने कहा, “राहुल गांधी और कांग्रेस पार्टी को यह समझना चाहिए कि अगर वे स्वयं गठबंधन सरकार का हिस्सा हैं और अलग-अलग राज्यों में चुनाव होते हैं, तो क्या वे खुद अवैध चुनावों का हिस्सा नहीं हैं? यह बेमानी विरोध अब सिर्फ राजनीतिक फायदे के लिए किया जा रहा है, जबकि देश के समग्र विकास और भविष्य को ध्यान में रखते हुए एक साथ चुनाव की प्रक्रिया पर विचार किया जाना चाहिए।”

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