April 1, 2025
Haryana

हरियाणा में आज से शुरू होगी गेहूं की खरीद, ‘उचित इंतजाम नहीं’

Wheat procurement will begin in Haryana from today, ‘No proper arrangements’

सरकार के निर्देशानुसार 1 अप्रैल से गेहूं खरीद सत्र शुरू होना है, लेकिन प्रमुख व्यवस्थाएं अधूरी रह गई हैं, जिससे किसानों और आढ़तियों में चिंता बढ़ गई है। ट्रांसपोर्टरों और श्रम ठेकेदारों को अभी तक अंतिम रूप नहीं दिया गया है, तथा बोरियों की डिलीवरी भी लंबित है, जिससे खरीद शुरू होने पर अनाज मंडियों में रसद संबंधी चुनौतियां पैदा हो सकती हैं।

सूत्रों के अनुसार, ट्रांसपोर्ट और लेबर कॉन्ट्रैक्टर के लिए तकनीकी बोलियां खोली जा चुकी हैं, लेकिन कीमत बोलियां अभी नहीं खोली गई हैं। इन कॉन्ट्रैक्टर को फाइनल करने की पूरी प्रक्रिया में कुछ दिन लग सकते हैं, जिसके बाद बोरियों का वितरण शुरू हो जाएगा। हालांकि, आढ़तियों और किसानों का तर्क है कि ये व्यवस्थाएं बहुत पहले पूरी हो जानी चाहिए थीं।

करनाल आढ़ती एसोसिएशन के अध्यक्ष रजनीश चौधरी ने देरी पर निराशा व्यक्त की। उन्होंने सवाल उठाया, “जिले की किसी भी अनाज मंडी में एक भी बोरी नहीं पहुंचाई गई है। परिवहन और श्रम ठेकेदारों को अभी तक अंतिम रूप नहीं दिया गया है। अगर सरकार ने खरीद की तारीख 1 अप्रैल तय की थी, तो ये कदम पहले ही पूरे कर लिए जाने चाहिए थे। अधिकारी आखिरी क्षण तक इंतजार क्यों कर रहे थे?”

आढ़तियों और किसानों को डर है कि प्रमुख उपायों में देरी के कारण खरीद कार्य बाधित हो सकता है। उनका कहना है कि इन कदमों में किसी भी तरह की देरी से अनाज मंडियों में अतिभार जैसी स्थिति पैदा हो सकती है, जिससे किसानों में परेशानी पैदा हो सकती है, जो अपनी उपज के लिए समय पर भुगतान पर निर्भर हैं।

हालांकि, अधिकारियों ने कहा कि वे स्थिति से निपटने के लिए तैयार हैं। जिला खाद्य एवं आपूर्ति नियंत्रक (डीएफएससी) अनिल कुमार ने वादा किया कि खरीद सुचारू रूप से आगे बढ़ेगी। उन्होंने कहा, “हम खरीद के लिए पूरी तरह तैयार हैं। हमारे पास पर्याप्त बोरियां हैं, जिन्हें समय पर कमीशन एजेंटों तक पहुंचाया जाएगा। अगले कुछ दिनों में मजदूरों और परिवहन ठेकेदारों को अंतिम रूप देने के लिए मूल्य बोलियां पूरी हो जाएंगी।”

उन्होंने आगे बताया कि प्रशासन ने इस सीजन में 8.5 लाख मीट्रिक टन गेहूं खरीद का लक्ष्य रखा है। कृषि विशेषज्ञों का यह भी अनुमान है कि पिछले कुछ दिनों में तापमान में आई गिरावट के कारण गेहूं की आवक में एक सप्ताह की देरी हो सकती है, जिससे खरीद एजेंसियों और जिला प्रशासन को राहत मिलेगी और लंबित औपचारिकताओं को पूरा करने के लिए अतिरिक्त समय मिलेगा।

आईसीएआर-भारतीय गेहूं एवं जौ अनुसंधान संस्थान (आईआईडब्ल्यूबीआर) के निदेशक डॉ. रतन तिवारी ने कहा कि तापमान में अचानक गिरावट के कारण गेहूं की कटाई में करीब एक सप्ताह की देरी हो सकती है। उन्होंने कहा, “तापमान में वृद्धि के बाद, कटाई जोरों पर होगी।” किसान भी कटाई के लिए अनुकूल परिस्थितियों का इंतजार कर रहे हैं ताकि अनाज पूरी तरह से पक सके।

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