N1Live Uttar Pradesh बच्चे चाहे मदरसे में पढ़ें या अंग्रेजी स्कूल में, सभी को ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बारे में जानना चाहिए : इकबाल महमूद
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बच्चे चाहे मदरसे में पढ़ें या अंग्रेजी स्कूल में, सभी को ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बारे में जानना चाहिए : इकबाल महमूद

Whether children study in madrasa or English school, everyone should know about 'Operation Sindoor': Iqbal Mahmood

संभल, 23 मई। उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी के विधायक इकबाल महमूद ने उत्तराखंड सरकार की ओर से सभी मदरसों में ‘ऑपरेशन सिंदूर’ को पाठ्यक्रम में शामिल करने पर तंज कसा है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के अंदर कट्टरता है, वह मुसलमानों को समझते नहीं हैं। बच्चे चाहे मदरसे में पढ़ें या फिर अंग्रेजी स्कूल में, सभी को ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बारे में जानना चाहिए।

इकबाल महमूद ने मंगलवार को समाचार एजेंसी आईएएनएस से बातचीत में कहा कि राज्य सरकार की ओर से मदरसों में जो कुछ भी शामिल किया जा रहा है, उसके पीछे उनकी कोई मंशा होगी। हमारी नजरों में वह गलत नहीं है क्योंकि जिस तरह से हमारी सेना ने पहलगाम आतंकी हमले के बाद पाकिस्तान और पीओके में घुसकर वहां पनप रहे आतंकी ठिकानों को तबाह किया है, हमारी सेना की शौर्य और वीरता के बारे में बच्चों को बताना ही चाहिए।

उन्होंने कहा कि चाहे बच्चे अंग्रेजी स्कूल में पढ़ रहे हों या मदरसों में, सभी को यह जानना चाहिए कि हमारी सेना ने देश के लिए क्या-क्या किया है। ‘ऑपरेशन सिंदूर’ की सफलता के बारे में विश्व स्तर पर जानकारी साझा करने के लिए सात सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल विदेश जा रहे हैं जहां वे पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद पर दुश्मन देश को बेनकाब करेंगे।

उन्होंने कहा कि मदरसों में ‘ऑपरेशन सिंदूर’ पाठ्यक्रम को शामिल करने को लेकर हमें कोई एतराज नहीं है। लेकिन, हम पर शक किया जाना दुर्भाग्यपूर्ण है। हमने बार-बार साबित किया है कि हम देशभक्त हैं। उन्होंने कहा कि हम हिन्दुस्तानी हैं और इनसे ज्यादा हमदर्द हैं। वह तो अपनी कुर्सी बचाने के लिए राजनीति करते हैं, जबकि हम देश की रक्षा को अपना फर्ज मानते हैं। हम हिंदुस्तान की मिट्टी से जुड़े हैं, यही हमारी जन्मभूमि और यही हमारी कर्मभूमि है।

जासूसी मामले में यूट्यूबर ज्योति मल्होत्रा की गिरफ्तारी पर उन्होंने कहा कि उसे सख्त से सख्त सजा होनी चाहिए। अभी तो पाकिस्तान को सिर्फ टीजर दिखाया, अगर सीजफायर नहीं होता तो पाकिस्तान को कड़े अंजाम भुगतने पड़ सकते थे।

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