रोहतक, 5 जून लोकसभा चुनावों के बाद पंजाब के किसानों ने वहां चल रहे कृषि आंदोलन को मजबूत करने के लिए शंभू सीमा की ओर बढ़ना शुरू कर दिया है, लेकिन स्थानीय किसानों, जिन्होंने पंजाब के अपने समकक्षों के समर्थन में इस साल की शुरुआत में यहां टिटोली गांव में लगभग एक महीने तक धरना दिया था, ने अभी तक इस संबंध में कोई फैसला नहीं किया है।
वे शंभू सीमा पर डटे पंजाब के किसानों के साथ बैठक के बाद अपनी अगली रणनीति तय करेंगे। बैठक बुधवार को वहीं होने की संभावना है।
बीकेयू नेता मोनिका नैन ने कहा, “हमने शंभू बॉर्डर पर चल रहे पंजाब के किसानों के आंदोलन पर अनौपचारिक रूप से चर्चा की है। हर कोई आंदोलनकारी किसानों को आंदोलन को मजबूत करने के लिए हर संभव मदद देने के पक्ष में है, इसलिए हमने इस संबंध में आगे कोई फैसला लेने से पहले 5 जून को शंभू बॉर्डर जाकर उनसे मिलने की योजना बनाई है।” उन्होंने कहा कि टिटोली में आंदोलन को आगे बढ़ाने के लिए फरवरी में सात सदस्यीय समिति का गठन किया गया था। मोनिका ने कहा, “ये सभी सदस्य अब शंभू बॉर्डर पर प्रदर्शनकारी किसानों के साथ आगे की कार्रवाई पर चर्चा करेंगे और फिर टिटोली में धरना फिर से शुरू करने के संबंध में रोहतक में एक बैठक बुलाएंगे। आज तक किसान और खाप नेता लोकसभा चुनाव के नतीजों का इंतजार कर रहे थे, ताकि उसके अनुसार आगे की कार्रवाई की जा सके।”
गौरतलब है कि स्थानीय किसानों ने पंजाब के किसानों के समर्थन में फरवरी में टिटोली गांव में अनिश्चितकालीन धरना शुरू किया था। उन्होंने धरने को मजबूत करने के लिए खाप पंचायतों का समर्थन भी जुटाया। यहां तक कि आस-पास के गांवों के लोग भी इसमें शामिल हुए। मार्च में जब लोकसभा चुनाव घोषित हुए तो केंद्र में नई सरकार बनने तक धरना स्थगित कर दिया गया।
कृषि कार्यकर्ताओं ने भाजपा प्रत्याशी डॉ. अरविंद शर्मा से भी उनकी मांगों के प्रति उनकी पार्टी की सरकार के रुख के बारे में पूछा, जब वह लोकसभा चुनावों के लिए लोगों से वोट मांगने के लिए गांवों का दौरा कर रहे थे।