चंडीगढ़, 14 मार्च
हरियाणा ने 2018-19 से 2020-21 तक इस क्षेत्र में अधिकतम कॉर्पोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व (CSR) खर्च देखा। हरियाणा में सीएसआर के तहत कुल 1,457.13 करोड़ रुपये खर्च किए गए हैं, जिसमें गुरुग्राम (22.4%) और फरीदाबाद (7.4%) को जिलों में सबसे अधिक हिस्सा मिला है।
इसी अवधि के दौरान पड़ोसी राज्यों पंजाब, हिमाचल प्रदेश, जम्मू और कश्मीर और चंडीगढ़ में सीएसआर खर्च क्रमशः 492.66 करोड़ रुपये, 262.41 करोड़ रुपये, 97.18 करोड़ रुपये और 40.23 करोड़ रुपये रहा है।
इसके अलावा, धारा 135 (9) प्रदान करती है कि 50 लाख रुपये से कम सीएसआर दायित्व वाली कंपनियों को समिति गठित करने से छूट दी गई है। इस समिति का प्राथमिक कार्य कंपनी के बोर्ड को सीएसआर नीति तैयार करना और उसकी अनुशंसा करना है, जिसमें विभिन्न गतिविधियों पर होने वाले व्यय की राशि शामिल है और समय-समय पर इसकी निगरानी करना है।
हरियाणा में, 783 फर्मों ने 2018-19 में 378.11 करोड़ रुपये का योगदान दिया, जबकि 864 फर्मों ने 2019-20 में 536.57 करोड़ रुपये खर्च किए। साथ ही, 2020-21 में सीएसआर के तहत 1,077 कंपनियों ने 542.45 करोड़ रुपये खर्च किए।
राज्य में क्षेत्रवार खर्च देखें तो सबसे ज्यादा 37 फीसदी शिक्षा को मिला है। 2018-19 से 2020-21 तक शिक्षा पर कुल 538.85 करोड़ रुपये खर्च किए गए हैं। इसके बाद हेल्थकेयर पर 326.48 करोड़ रुपये (22.4 प्रतिशत) खर्च किए गए हैं। इसके अलावा, व्यावसायिक कौशल पर 123.61 करोड़ रुपये और स्वच्छता पर 104.12 करोड़ रुपये खर्च किए गए।
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