जोधपुर, 15 फरवरी । केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने तीन नए आपराधिक कानूनों को लागू करने की दिशा में महाराष्ट्र की स्थिति की नई दिल्ली में हुई एक बैठक में समीक्षा की। बैठक में महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस भी मौजूद थे। केंद्रीय कानून मंत्री मेघवाल ने बताया कि बैठक में आईटी सेक्टर में आवश्यक बुनियादी ढांचे के विकास पर चर्चा की गई।
मेघवाल ने कहा कि इन कानूनों के लागू होने से सुप्रीम कोर्ट, हाई कोर्ट और जिला कोर्ट के मुकदमों में तेजी से कमी आएगी।
उल्लेखनीय है कि केंद्र सरकार ने तीन नए आपराधिक कानून भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस), भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (बीएनएसएस), और भारतीय साक्ष्य अधिनियम (बीएसए) 1 जुलाई 2024 से लागू कर दिए हैं। इन कानूनों को लागू करने का उद्देश्य आपराधिक न्याय प्रणाली में सुधार लाना है।
वक्फ संशोधन विधेयक को लेकर कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए मेघवाल ने कहा कि वक्फ संशोधन विधेयक के प्रस्तुत किए जाने के समय एक संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) का गठन किया गया था। इस समिति में लोकसभा और राज्यसभा के सदस्य शामिल थे और इसकी रिपोर्ट पेश की जानी थी। उन्होंने कहा कि जब रिपोर्ट प्रस्तुत की गई तो खड़गे ने इसके विरोध में सवाल उठाए, जबकि रिपोर्ट में सभी आवश्यक जानकारियां शामिल थीं। इस मुद्दे पर गृह मंत्री ने स्पष्ट किया कि रिपोर्ट में कोई अधूरी जानकारी नहीं है और इसमें विरोध करने जैसा कुछ नहीं है। अब आगे इस मामले में क्या बदलाव होते हैं, यह देखने वाली बात होगी।
उल्लेखनीय है कि राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने जेपीसी रिपोर्ट को लेकर कड़ी आपत्ति जताई थी। उन्होंने कहा था कि यह रिपोर्ट विपक्ष की आपत्तियों को नजरअंदाज करते हुए तैयार की गई है, जो संसदीय प्रक्रिया का उल्लंघन है। खड़गे ने इस रिपोर्ट को “फर्जी” बताते हुए इसे पुनः पेश करने की मांग की थी। उन्होंने सरकार पर आरोप लगाया कि विपक्ष की आवाज दबाई जा रही है और उनके असहमति के नोट्स को जानबूझकर हटा दिया गया है।
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