कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के महिला अध्ययन शोध केंद्र ने हरियाणा राज्य महिला आयोग के साथ मिलकर शुक्रवार को अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर कविता प्रतियोगिता का आयोजन किया। इस कार्यक्रम का उद्देश्य महिला अधिकारों, समानता और सशक्तिकरण के प्रति जागरूकता बढ़ाने, उनके योगदान, उपलब्धियों का जश्न मनाना था।
कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर सोमनाथ सचदेवा ने कहा कि आज लैंगिक समानता को साहसिक और निर्णायक कदमों के माध्यम से आगे बढ़ाने की सख्त जरूरत है। वर्तमान में महिलाएं देश के विकास के लिए हर क्षेत्र में सक्रिय भागीदारी कर अपना महत्वपूर्ण योगदान दे रही हैं।
मुख्य अतिथि हरियाणा राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष रेणु भाटिया ने कहा कि महिलाओं को स्वयं को मजबूत बनाकर जीवन की चुनौतियों का सामना करना चाहिए। महिलाओं के प्रति समाज का नजरिया बदलने की जरूरत है, क्योंकि जब तक महिलाओं के प्रति नकारात्मक सोच खत्म नहीं होगी, तब तक महिलाओं का शोषण खत्म नहीं होगा।
रेणु भाटिया ने महिलाओं से अपने अधिकारों और कर्तव्यों के प्रति जागरूक होने का आह्वान किया। उन्होंने पुरुषों से महिलाओं का सम्मान करने और उन्हें अपमान से बचाने की बात कही। महिला अध्ययन शोध केंद्र की निदेशक प्रो. अनिता दुआ ने कार्यक्रम की रूपरेखा प्रस्तुत की।
उपनिदेशक, जनसम्पर्क, डॉ. जिम्मी शर्मा ने बताया कि कविता प्रतियोगिता में विभिन्न विश्वविद्यालयों के 26 विद्यार्थियों ने भाग लिया।
प्रतियोगिता में सुमित कुमार ने प्रथम स्थान प्राप्त कर 21,000 रुपये का पुरस्कार जीता, जबकि अंजलि बंगा और संजीव कुमार ने दूसरा और तीसरा स्थान प्राप्त कर क्रमशः 11,000 रुपये और 5,100 रुपये का पुरस्कार जीता।
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